प्रभात खबर कार्यालय में ऑनलाइन लीगल काउसेलिंग का आयोजन वरीय अधिवक्ता रत्नेश भारद्वाज ने लाेगों को दी कानूनी सलाह उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर कानूनी सलाह देने के लिए प्रभात खबर ने ऑनलाइन लीगल काउसेलिंग करायी. वरीय अधिवक्ता रत्नेश भारद्वाज ने लोगों को जमीन संबंधी विवाद से लेकर पारिवारिक झगड़ों के निपटारे के उपाय बताए. काउंसेलिंग में अधिकतर लोगों ने जमीन में बराबरी का बंटवारा नहीं होने, दूसरों द्वारा दखल किये जाने व बिना बंटवारा एक हिस्सेदार द्वारा जमीन बेच देने की समस्या बतायी. कई लोगों ने कहा कि जमीन की डिग्री हो चुकी है, लेकिन विपक्षी पार्टी जमीन पर जाने नहीं देता है. एक व्यक्ति ने बैंक से बिना लोन की रकम प्राप्त हुए इएमआइ के मैसेज आने की शिकायत रखी. अधिवक्ता ने लोगों की समस्याओं को सुनकर उन्हें कानूनी परामर्श दिया. यहां लोगों की समस्याएं रखी जा रही हैं- मधुबनी से राजेश ठाकुर का सवाल – 1901 के खतियान के हिसाब से जमीन में पांच लोगों का बराबर-बराबर हिस्सा था, लेकिन उसमें से तीन लोगों ने अधिक कब्जा कर लिया है, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – सिविल कोर्ट में विभाजन वाद दायर कर सभी जमीन में हिस्सा ले सकते हैं. यदि किसी व्यक्ति ने जमीन पर घर बना लिया है तो उसी कीमत की आपको दूसरी जमीन मिलेगी. पं.चंपारण से अशोक कुमार का सवाल – पिता ने अपने जीवन काल में जमीन खरीदी थी. उन्होंने वह जमीन बाद में किसी दूसरे व्यक्ति को बैनामा कर दी. पिता के तीन पुत्र हैं. जिस व्यक्ति को पिता ने जमीन बैनामा की थी, उस व्यक्ति ने वह जमीन फिर से मंझले पुत्र को बयाना कर दिया तो अब बाकी दो पुत्रों को जमीन मिलेगी क्या ? अधिवक्ता की सलाह – पिता ने जमीन खुद से खरीदी थी और उन्होंने अपनी जमीन किसी को बैनामा कर दिया. फिर उस व्यक्ति ने जमीन उनके मंझले बेटे को दे दिया तो अन्य पुत्रों का जमीन पर कोई हक नहीं बनता है. बेवजह मुकदमेबाजी से बचें. मुजफ्फरपुर से वीरेंद्र कुमार का सवाल – मां के नाम से जमीन है. मां के चार पुत्र और दो बेटियां हैं. मां के निधन के बाद मेरे एक भाई ने जमीन का कुछ हिस्सा किसी व्यक्ति को महादनामा कर दिया. हालांकि उसी रजिस्ट्री की तारीख फेल हो गयी, हमलोग क्या करें अधिवक्ता की सलाह – बिना बंटवारा के संयुक्त हिंदू परिवार की संपत्ति का महादनामा नहीं किया जा सकता. यदि एक भाई ने ऐसा किया है तो सिविल कोर्ट में घोषणात्मक वाद दायर कर महादनामा निरस्त करायें. समस्तीपुर से अनिल कुमार का सवाल – दादा की पुश्तैनी जमीन थी. उनके निधन के बाद मेरे पिता और उनके भाई के बीच पंच द्वारा बंटवारा किया गया था. अब चाचा का बेटा कहता है कि जमीन का बंटवारा गलत हुआ है. वह और हिस्सा मांगता है, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – बंटवारा के लिए कोई पार्टी कोर्ट में जा सकती है. आप बंटवारा के कागज को लेकर कोर्ट में पार्टिशन सूट दायर करें. समस्या का निदान होगा. मुजफ्फरपुर से शिव का सवाल – मैंने विश्वकर्मा योजना के तहत सेंट्रल बैंक में एक लाख लोन के लिए अप्लाई किया था. बैंक द्वारा जांच-पड़ताल के बाद मुझे लोन स्वीकृत किया गया. इस कार्य में मेरे आठ हजार रुपये खर्च हो गये, लेकिन लोन के रुपये मेरे अकाउंट में नहीं आये और बैंक से छह हजार इएमआइ जमा करने का मैसेज आ रहा है, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – बिना लोन दिये इएमआइ का मैसेज नहीं आता. यदि ऐसा हुआ है तो आपके साथ फ्रॉड हुआ है. आप अपने क्षेत्र के थाने में एफआइआर दर्ज करें और उपभोक्ता फोरम में भी इस मामले से संबंधित आवेदन दें. मुजफ्फरपुर से अहमद का सवाल – दस महीने पहले गांव में झगड़ा हुआ था. अब उसके लिए लोक अदालत से नोटिस आ रहा है. मैं लोक अदालत नहीं जा सका. अब क्या करना चाहिये ? अधिवक्ता की सलाह – लोक अदालत से नोटिस सुलह के लिए आया होगा. जब तक दोनों पक्ष के लोग नहीं आएंगे लोक अदालत में मामला नहीं सुलझेगा, केस चलता रहेगा. सीतामढ़ी से नवीन कुमार का सवाल – मैं डुमरा ब्लॉक में कार्यरत हूं. मेरी एक बाइक है, जिससे मैं ऑफिस आता-जाता हूं. मैं 23 फरवरी को ऑफिस में था. उसी दिन मोतिहारी से हेलमेट नहीं होने के कारण मोतिहारी में चालान कट गया. मैंने इस संबंध में थाने में सनहा दर्ज कराया. दो महीने बाद फिर चालान जमा करने के लिए मैसेज आया, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – आप थाना में एफआइआर करें. संभव है कि कोई आपके गाड़ी नंबर का गलत उपयोग कर रहा हो. कोर्ट में भी इसकी शिकायत कर सकते हैं. पूर्वी चंपारण से रामचंद्र सिंह का सवाल – मेरे जमीन की डिग्री 2023 में हो गयी थी, लेकिन उस जमीन पर जाता हूं तो विरोधी पक्ष वाले लोग लड़ाई करने लगते हैं, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – इसके लिए थाना में प्राथमिकी दर्ज करायें. समस्तीपुर से माेहन कुमार का सवाल – मेरे दादाजी दो भाई हैं. एक भाई अपने हिस्से से अधिक जमीन बेच दिये हैं. इससे हमलोगों का हिस्सा काफी कम हो गया है, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – संयुक्त संपत्ति विभाजन के लिए कोर्ट में टाइटिल कम पार्टिशन सूट दायर करें. केवाला निरस्त करने के लिए भी केस करें. पूर्वी चंपारण से वली अहमद का सवाल – कश्मीर में लेडिज सिलाई का काम करते थे. जिसके यहां काम करते थे, उसने पांच लाख का एग्रीमेंट बनवा कर दो लाख 80 हजार रुपये ही दिये हैं. क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – थाना में एफआइआर दर्ज कराएं. मुजफ्फरपुर से रमेश का सवाल – मेरा दो प्लॉट है. विपक्षी ने उस पर केस कर दिया है. मैं उस जमीन पर घर बनवाना चाहता हूं, क्या करें ? अधिवक्ता की सलाह – विवादित जमीन पर घर बनवाने से पहले कोर्ट से अनुमति लें. मुजफ्फरपुर से राजन का सवाल – पॉक्सो के केस में धारा 41 का लाभ दिया जा सकता है. यानी पुलिस बांड पर आरोपी को छोड़ा जा सकता है. सिकंदरपुर थाना में एक अभियुक्त काे यह लाभ दिया गया है. अधिवक्ता की सलाह – पॉक्सो केस गंभीर प्रवृत्ति का होता है. यदि केस झूठा है तो आरोपी को धारा 41 का लाभ दिया जा सकता है. यदि गलत तरीके से लाभ दिया गया है तो आप वरीय पदाधिकारी से शिकायत करें. कोर्ट में निष्पक्ष अनुसंधान के लिए अर्जी दायर करें
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