2027 तक पूरा होगा पुल, दो साल में बनेगा ढांचा
जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन की माने तो, पुल बनाने वाली एजेंसी को साफ निर्देश दिए गए हैं कि, अगले दो साल में पुल की संरचना पूरी कर ली जाए और साल 2027 तक यह पुल आम लोगों के लिए खोल दिया जाए. मानसून से पहले सभी पिलर तैयार कर लिए जाएंगे ताकि बारिश के मौसम में काम रुकने की नौबत न आए और पुल के ऊपरी हिस्से (सुपर स्ट्रक्चर) का काम समय पर शुरू हो सके.
240 मीटर लंबा फोर लेन पुल, तेजी से हो रहा निर्माण
यह नया पुल 240 मीटर लंबा और चार लेन का होगा, जो पुराने अखाड़ा घाट पुल के समानांतर बन रहा है. निर्माण कार्य की जिम्मेदारी संभाल रही इंजीनियर के मुताबिक, टेंडर मिलने के बाद मशीनें लगाई गई हैं और नदी में पिलर गाड़ने का काम शुरू हो गया है. कुल 6 पिलर बनाए जा रहे हैं- 4 नदी में और 1-1 दोनों किनारों पर.
इन जिलों के लोगों को होगा फायदा
इस पुल की लागत करीब 57 करोड़ रुपये है. यह एक मॉडर्न स्ट्रक्चर होगा. साथ ही पुराने पुल को भी चौड़ा किया जाएगा ताकि दोनों पुल मिलकर एक नया ट्रैफिक कॉरिडोर तैयार करें और शहर की यातायात व्यवस्था बेहतर हो. अभी सीतामढ़ी, शिवहर और दरभंगा से आने वाले लोगों को शहर में घुसने के लिए भारी जाम का सामना करना पड़ता है. नया पुल शुरू होने के बाद यह ट्रैफिक सीधे शहर में प्रवेश कर पाएगा. इससे मेडिकल कॉलेज और शहर के अन्य हिस्सों में पहुंचने में समय और ईंधन दोनों की बचत होगी.
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
कहा जा रहा है कि, बूढ़ी गंडक की तेज धार में पिलर बनाना एक मुश्किल काम है. इसलिए हाई-ड्रिलिंग रिग और स्पेशल क्रेन मंगवाए गए हैं. सुरक्षा के लिए बैरियर लगाए गए हैं और पर्यावरण नियमों का ध्यान रखने के लिए एक निगरानी टीम भी तैनात है. पुल निर्माण से स्थानीय मजदूरों और सप्लायर्स को रोजगार मिलेगा. जब पुल चालू हो जाएगा तो ट्रांसपोर्ट सस्ता और तेज हो जाएगा. इससे कृषि, मछली पालन और छोटे उद्योगों को बड़ा फायदा मिलेगा.
(मानसी सिंह की रिपोर्ट)
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