संभावित बाढ़ के खतरे से बचाव को लेकर होनी थी बैठक प्रतिनिधि, गायघाट संभावित बाढ़ की तैयारी को लेकर सीओ द्वारा बुलायी गयी प्रखंड आपदा अनुश्रवण समिति की बैठक कोरम के अभाव में स्थगित हो गयी. समिति के अध्यक्ष सह प्रखंड प्रमुख श्रवण कुमार सिंह ने बैठक स्थगित करते हुए सीओ को बैठक के लिए नयी तिथि निर्धारित करने का निर्देश दिया. बैठक में त्रिस्तरीय पंचायती राज के प्रतिनिधि, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के प्रतिनिधि, बागमती परियोजना के अभियंता के साथ प्रखंड के सभी पदाधिकारियों को रहना अनिवार्य है. बैठक में पदाधिकारी के रूप में बीडीओ, सीओ के अलावा सीडीपीओ, बीइओ, बीएओ, मनरेगा पीओ की ही उपस्थिति रही. वहीं शिवदाहा व कमरथू पंचायत के मुखिया को छोड़कर मोहम्मदपुर सूरा, लदौर के मुखिया के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहे. मुखिया संघ के प्रखंड अध्यक्ष अजय कुमार सिंह ने बताया कि प्रखंड आपदा अनुश्रवण समिति के बैठक की सूचना सभी मुखिया व पंचायत समिति सदस्यों को सीओ के द्वारा उपलब्ध नहीं करायी गयी. प्रखंड के अधिकांश मुखिया व पंसस को बैठक की जानकारी नहीं थी. सिर्फ खानापूर्ति के लिए बैठक बुलायी जाती है. वहीं राजनीतिक दलों में सिर्फ भाजपा के ही प्रतिनिधि उपस्थित थे. राजद, कांग्रेस, जदयू, भाकपा माले को कोई सूचना ही सीओ द्वारा नहीं दी गयी. भाकपा माले के अंचल सचिव जितेन्द्र यादव ने कहा कि उनकी पत्नी बिजनेश देवी जिला पार्षद हैं, उन्हें भी अंचल कार्यालय द्वारा कोई सूचना नहीं दी गयी. जानकारी हो कि गायघाट प्रखंड बाढ़ से पूर्ण प्रभावित क्षेत्र है. यहां बाढ़ के समय विकराल स्थिति रहती है और जब बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा के लिए बैठक बुलायी जाती है और पंचायती राज के तीनों स्तर के प्रतिनिधि को ही बैठक में नहीं सूचित किया जाता है, तो गायघाट की जनता का भगवान ही मालिक है. बागमती नदी बाढ़ के समय कहर ढाती है, लेकिन बागमती परियोजना के अभियंता ही बैठक में नहीं हों, तो बाढ़ पूर्व तैयारी की समीक्षा कैसे होगी.
संबंधित खबर
और खबरें