मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर नीलामवाद के मामलों के त्वरित निपटारे के लिए जिला और मुख्यालय स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इसकी गति अब भी धीमी है. हाल ही में, 10,000 से अधिक बकाएदारों के विरुद्ध बॉडी वारंट जारी किये गये हैं, फिर भी वसूली और लंबित मामलों के निष्पादन की रफ्तार संतोषजनक नहीं है. हाल ही में राजस्व पर्षद के सचिव ने समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने पाया कि लंबित वादों की सुनवाई और निष्पादन प्रक्रिया बहुत धीमी है. इससे लंबित मामलों का बोझ बढ़ता जा रहा है, जिस पर उन्होंने गंभीर चिंता व्यक्त की. सचिव ने सभी नीलामपत्र पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सबसे पुराने वादों की क्रमवार और वर्षवार सूची तैयार करें. इसके बाद, उन्हें प्रत्येक सप्ताह इसकी समीक्षा कर निष्पादन पर जोर देना होगा. उन्होंने सभी आयुक्तों से भी कहा है कि वे प्रत्येक माह कम से कम 50 मामलों की समीक्षा करें और निष्पादन के लिए अपने स्तर पर संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करें.इसके अतिरिक्त, सभी बैंकों को एक-एक नोडल पदाधिकारी नामित करने का निर्देश दिया गया है, जो नीलामपत्र पदाधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर निष्पादन की गति को तेज करने में मदद करेंगे.गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले में ₹500 करोड़ से अधिक की वसूली लंबित है, और इन निर्देशों का उद्देश्य इस वसूली प्रक्रिया को तेज करना और लंबित मामलों का बोझ कम करना है.
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