BRABU: स्नातक और पीजी स्तर पर होगी एग्रीकल्चर की पढ़ाई, तैयार हो रहा आर्डिनेंस रेगुलेशन

छात्रों ने कृषि विभाग से की थी कोर्स शुरू करने की मांग, कृषि विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग से किया पत्राचारसामान्य विषयों की तरह ही स्नातक और पीजी में एग्रीकल्चर की पढ़ाई शुरू करने को लेकर तैयार किया जा रहा प्रस्ताव

By Anshuman Parashar | July 16, 2024 10:55 PM
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BRABU: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक और पीजी स्तर पर एग्रीकल्चर साइंस की पढ़ाई होगी. इसको लेकर कॉलेजों को चिह्नित किया जाएगा. कृषि के क्षेत्र में हो रहे तकनीकी बदलावों से अवगत कराने और इस क्षेत्र में अनुसंधान की दृष्टि से यह कोर्स महत्वपूर्ण होगा. उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश पर विश्वविद्यालय में इसको लेकर आर्डिनेंस रेगुलेशन तैयार किया जा रहा है.

उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र भेजा

जिले के छात्र-छात्राओं ने कृषि विभाग को पत्र भेजकर एग्रीकल्चर की पढ़ाई बीआरए बिहार विश्वविद्यालय और इससे जुड़े कॉलेजों में शुरू कराने की मांग की थी. इसके बाद कृषि विभाग ने उच्च शिक्षा विभाग से इस संबंध में पत्राचार किया. उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को इस संबंध में पत्र भेजा है. कहा है कि साइंस के अन्य स्ट्रीम की तरह एग्रीकल्चर की भी पढ़ाई करायी जाए. इसको लेकर आर्डिनेंस रेगुलेशन और सिलेबस तैयार करें. कहा गया कि तकनीक का विकास हो रहा है.

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प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास कृषि योग्य भूमि उपलब्ध है

मुजफ्फरपुर और उत्तर बिहार में होने वाली फसलों पर कोर्स के माध्यम से रिसर्च भी हो सकेगा. इसको लेकर उन कॉलेजों को प्राथमिकता दी जाएगी जिनके पास कृषि योग्य भूमि उपलब्ध होगी. इसको लेकर विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में चल रहे एग्रीकल्चर साइंस जैसे विषयों के पाठ्यक्रम से लेकर उपलब्ध सुविधाएं और कोर्स की रूपरेखा को आधार मानकर उसका अध्ययन शुरू किया है. आइसीएआर के सिलेबस को भी देखा जा रहा है. उसमें स्थानीय स्तर को देखते हुए फेरबदल कर उसका प्रस्ताव तैयार किया जा सकता है. इसको लेक तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है. बताया जा रहा है कि कोर्स के मोड को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. यह कोर्स सामान्य विषयों की तरह चलेगा या सेल्फ फाइनेंस मोड में. यह प्रस्ताव तैयार होने पर ही स्पष्ट होगा. कहा गया कि यदि सामान्य कोर्स की तरह इसका संचालन किया जाएगा तो इसको लेकर सबसे पहले ऑर्डिनेंस रेगुलेशन और उसके बाद पदों का सृजन करना होगा.

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