जमाबंदी की अनिवार्यता खत्म होते परिसर में दिखने लगी चहलकदमी, मुजफ्फरपुर में पांच करोड़ रुपये से अधिक की वसूली

बिहार में जमीन रजिस्ट्री में जमाबंदी की अनिवार्यता खत्म करने के बाद निबंधन कार्यालय में भीड़ बड़ी है, सिर्फ मुजफ्फरपुर में बुधवार को 5 करोड़ की वसूली हुई.

By Anand Shekhar | May 23, 2024 6:30 AM
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Bihar Jamin Jamabandi: जमाबंदी की अनिवार्यता को खत्म कर पुराने नियम से जमीन की रजिस्ट्री की हुई शुरुआत के दूसरे दिन मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री ऑफिस में रिकॉर्ड तोड़ भीड़ उमड़ी. सुबह से देर शाम तक जमीन के क्रेता व विक्रेताओं की जमावड़ा ऑफिस से लेकर कातिबों की गुमटी तक में लगा रहा.

भीषण गर्मी में ऑफिस के कर्मचारी से लेकर पब्लिक तक परेशान रहे. पसीना से तरबतर रजिस्ट्री ऑफिस के कर्मचारी पूरे दिन दस्तावेज की ऑनलाइन एंट्री करने के साथ जमीन के क्रेता, विक्रेता के साथ गवाह व पहचान की तस्वीर खींच हस्ताक्षर कराने में व्यस्त दिखे. नियम बदलते ही दो दिनों में अचानक बढ़ी रजिस्ट्री के बाद विभाग का राजस्व भी बढ़ गया है.

400 से अधिक जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री

बुधवार को मुजफ्फरपुर रजिस्ट्री कार्यालय में सिर्फ दो सौ से अधिक दस्तावेजों की एंट्री के बाद रजिस्ट्री हुई. वहीं, जिले के चार अन्य मुफस्सिल कार्यालय कटरा, सकरा, मोतीपुर एवं पारू में भी खूब रजिस्ट्री हुई. देर शाम तक मिले आंकड़ों के अनुसार, पूरे जिले में बुधवार को 400 से अधिक जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री हुई है. इससे विभाग को पांच करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. भीड़ का जो सिलसिला अभी जारी है. अगर यही रहा, तो इस महीने में जिले से 50 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली का अनुमान है.

परिसर में दिखने लगी चहलकदमी, बाइक से लगा जाम

लगभग तीन महीने के लंबे समय के बाद रजिस्ट्री ऑफिस परिसर में चहलकदमी दिखने लगी है. लोगों की भीड़ के साथ पूरा कैंपस बाइक सहित अन्य गाड़ियों से भरा रह रहा है. चाय-नाश्ता के दुकानों में भी भीड़ होने लगी है. नियम में हुए बदलाव के कारण बीते तीन महीने के भीतर रजिस्ट्री ऑफिस परिसर में खुले कई दुकानों के बंद होने की नौबत आ गयी थी. भीड़ बढ़ने के कारण उन सभी दुकानों की बिक्री फिर से बढ़ गयी है.

70 फीसदी तक कम गयी थी जमीन की रजिस्ट्री

जमीन रजिस्ट्री में होने वाले फर्जीवाड़े को रोकने के लिए राज्य सरकार ने पहली बार 10 अक्टूबर 2019 को नियम लागू किया था. तब इसके खिलाफ कई याचिका हाईकोर्ट में दायर की गयी. कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर ही 25 अक्टूबर को सरकार के फैसला पर रोक लगा दिया.

तब से चल रही मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने 09 फरवरी 2024 को सरकार के फैसला को सही करार देते हुए इसे लागू करने का आदेश दिया. इसके बाद सरकार ने 22 फरवरी को पत्र जारी कर इसे लागू किया था. इसके बाद से अब तक रोजाना 30-40 के बीच ही जमीन दस्तावेजों की रजिस्ट्री हो रही थी. जिले में 70 फीसदी तक जमीन की रजिस्ट्री कम हो गयी थी.

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