: विधानसभा चुनाव से पहले मुजफ्फरपुर नगर निगम में सियासी उबाल, गरमायी राजनीति
: महापौर कैबिनेट के सदस्यों ने ही निगम सरकार व प्रशासन पर बोला हमला, कहा-एक साल से विकास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
धरना पर बैठे पार्षदों ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर नगर निगम में प्रशासनिक शिथिलता और लेटलतीफी के कारण विकास कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. पार्षदों का यह एकजुट विरोध आगामी विधानसभा चुनावों से पहले निगम प्रशासन पर दबाव बनाने और जनता के बीच अपनी आवाज बुलंद करने की एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है. वहीं, महापौर निर्मला साहू काे बड़ा झटका भी लगा है. कारण कि उनके कैबिनेट के जिन तीन सदस्यों ने उनके खिलाफ मोर्चाबंदी शुरू की है. इसमें दो सदस्य उनके काफी करीबी माने जा रहे थे. इन दोनों सदस्यों के राय मशवीरा कोई भी निर्णय स्टैडिंग कमेटी व निगम बोर्ड में महापौर नहीं लेती थी. इस घटनाक्रम से मुजफ्फरपुर की राजनीतिक सरगर्मी और तेज हो गई है.
बॉक्स ::: अनिश्चितकालीन धरना पर बैठने वाले पार्षद
वार्ड 28 के राजीव कुमार पंकू, 10 के अभिमन्यु चौहान, 25 के उमा शंकर पासवान, 09 के एनामुल हक, 42 की अर्चना पंडित, 26 के प्रियरंजन सिंह, 05 के मनौव्वर हुसैन, 44 की अनिसुल फातमा, 39 की मधु विजेता, 38 की शबाना प्रवीण, 46 के मो सैफ, 40 के मो इकबाल हुसैन, 31 की रूपम कुमारी, 32 की आरती राज, 16 की रश्मि राउत, 15 की गनिता देवी, 11 की पार्षद मीरा देवी, 17 के मंगल सहनी, 12 की ममता कुमारी, 01 उमेश कुमार गुप्ता, 48 के मो हसन के अलावा वार्ड नंबर 08 की पार्षद शामिल है. 21 के पार्षद केपी पप्पू मौके पर पहुंचे. लेकिन स्थिति का मुआयना करने के बाद बिना धरना पर बैठे वापस लौट गये.
बॉक्स ::: मुख्य मुद्दे जो जनता और पार्षदों को परेशान कर रहे हैं
बैठकों की कार्यवाही में विलंब :
योजनाओं में मनमानी और अधूरी परियोजनाएं :
पार्षदों द्वारा अनुशंसित योजनाओं को निगम द्वारा बदल दिया जा रहा है या उन्हें अधूरा छोड़ दिया जा रहा है, जिससे जनता अनावश्यक रूप से परेशान हो रही है.नल-जल योजना की खामियां :
– बेपटरी सफाई व्यवस्था :
शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी है, जिससे जनता का गुस्सा बढ़ रहा है और पार्षदों को अनावश्यक रूप से परेशानी झेलनी पड़ रही है. वार्ड संख्या 32 में तो बीते दो महीने से सफाई कार्य बाधित है.– स्ट्रीट लाइट की खरीद में देरी :
– “आपका शहर, आपकी बात ” पहल की अनदेखी :
“आपका शहर, आपकी बात ” कार्यक्रम के दौरान जनता द्वारा उठायी गई समस्याओं पर कोई अमल नहीं किया गया है.– ग्रामीण वार्डों के लिए अतिरिक्त फंड का उपयोग नहीं :
– पार्षदों के लिए सुविधाओं का अभाव :
– अंचल दो के निरीक्षक पर आरोप :
– नाला स्लैब के काम में धीमी गति :
सभी वार्डों में ओपन नाला को ढकने और जर्जर स्लैब के नए सिरे से निर्माण के लिए एजेंसी का चयन होने के एक महीने बाद भी कोई काम शुरू नहीं हुआ है. गिने-चुने वार्डों में ही स्लैब का काम होने से पार्षदों में असंतोष फैल रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है