: महाराष्ट्र के तीनों तस्करों से पूछताछ के दौरान मिले कई अहम जानकारी : मुजफ्फरपुर से हाजीपुर के रास्ते कैसे पहुंचा सोना की खेप चल रही जांच संवाददाता, मुजफ्फरपुर छपरा में ट्रेन से 18 करोड़ की तस्करी का सोना पकड़ने के बाद मुजफ्फरपुर डीआरआइ की टीम नेपाल बॉर्डर से लेकर उत्तर बिहार में फैले तस्करी के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुटी हुई है. महाराष्ट्र के तीनों तस्कर राजेश कुमार, विजय कुमार व हितेश कुमार ने पूछताछ के दौरान नेटवर्क को लेकर कई अहम जानकारी दी थी. तीनों के मोबाइल से कई संदिग्ध नंबर मिले हैं. उसका कॉल डिटेल्स व सीडीआर खंगाल रही है. जिले के कई बड़े आभूषण कारोबारी भी डीआरआइ के रडार पर है. उनकी भूमिका के बारे में जानकारी जुटायी जा रही है. डीआरआइ के सूत्रों की मानें तो विदेशों से तस्करी करके सोना नेपाल लाया जाता है. फिर, नेपाल बॉर्डर को पार करके मुजफ्फरपुर लाया जाता है. यहां से फिर महानगरों में सप्लाई की जाती है. मुजफ्फरपुर सोना तस्करी का जंक्शन प्वाइंट बन गया है. नेपाल बॉर्डर से हाजीपुर कौन तस्कर खेप लेकर गाया था. हाजीपुर में मुंबई के तस्करों को किसने सोना की बिस्किट व ज्वेलरी रखा ट्रॉली बैग सौंपा था इसके बारे में भी जानकारी जुटा रही है. जल्द ही डीआरआइ बड़े नेटवर्क का खुलासा कर सकती है. जानकारी हो कि, मुजफ्फरपुर डीआरआइ की टीम ने छपरा रेलवे स्टेशन पर छापेमारी करके 20 किलो सोने की बिस्किट व ज्वेलरी के साथ तीन तस्कर को गिरफ्तार किया है. तीनों मुंबई जाने वाली ट्रेन में बैठे थे. ट्रॉली बैग में कपड़े के अंदर सोने की बिस्किट व ज्वेलरी को छिपा कर रखे थे. पकड़े गए गोल्ड की कीमत खुले बाजार में 18 करोड़ रुपये आंकी गयी थी. डीआरआइ ने तीनों तस्करों की मोबाइल भी जब्त की थी. मोबाइल में भी तस्करी से जुड़े अहम सुराग मिले हैं. तीनों पूछताछ के आधार पर गोल्ड तस्करी के नेटवर्क से जुड़े बड़े तस्करों की तलाश में जुट गयी है. गुरुवार को तीनों को कोर्ट में प्रस्तुत करके डीआरआइ ने न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है.
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