Exclusive: 45 दिनों में मुजफ्फरपुर के 15 दंपत्तियों ने लिया तलाक, वैवाहिक जीवन में सोशल मीडिया ला रहा बिखराव
Exclusive: मुजफ्फरपुर में 15 दंपत्तियों ने तलाक लिया है. वैवाहिक जीवन में सोशल मीडिया तलाक की वजह बन रही है
By Radheshyam Kushwaha | March 19, 2025 7:02 PM
Exclusive: विनय कुमार/मुजफ्फरपुर. सोशल मीडिया दांपत्य जीवन में खटास उत्पन्न कर रहा है. फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप जैसे साइटस् की वजह से पति-पत्नी के बीच बढ़ती दूरियां तलाक का कारण बन रही है. अब स्थिति इतनी भयावह हो रही है कि छोटे शहरों में भी तलाक की संख्या बढ़ती जा रही है. पिछले 45 दिनों में मुजफ्फरपुर में 15 दंपत्तियों ने तलाक लिया है, जिसमें एक तिहाई तलाक का कारण सोशल मीडिया का इस्तेमाल है. पति-पत्नी के बीच बढ़ता शक, ईर्ष्या और लापरवाही के कारण तलाक के मामले में तेजी आयी है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जनवरी से अब तक तलाक के लिये 185 मामले दायर हो चुके हैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार तलाक के केस में त्वरित कार्रवाई हो रही है और जज अपना फैसला सुना रहे हैं. फैमिली कोर्ट में तलाक के आवेदन के बाद सुलह के प्रयास भी बेकार साबित हो रहे हैं. जिद, अहंकार और आधुनिक जीवन शैली पारिवारिक बिखराव को रोकने में विफल साबित हो रही हैं.
छोटे शहरों में भी तलाक में तीन गुना वृद्धि
एडजुआ लीगल्स गूगल एनालिटिक रिपोर्ट के महानगरों के अलावा छोटे शहरों में तलाक के आवेदनों में तीन गुना वृद्धि देखी जा रही है. कंप्यूटर्स इन ह्यूमन बिहैवियर में प्रकाशित एक अध्ययन में तलाक दरों की तुलना प्रति व्यक्ति फेसबुक आउंटस की गयी, जिसमें सोशल मीडिया के उपयोग को विवाह की गुणवत्ता में बड़ा कारण माना गया है. अध्ययन में कहा गया कि दंपत्ति अक्सर अपने साथी के फेसबुक अकाउंट पर कुछ खोजने के बाद अपने रिश्ते को लेकर असहज महसूस करते हैं. इससे अक्सर रिश्ते में निगरानी, ईर्ष्या और संघर्ष बढ़ जाता है. शोध मे पाया गया कि कोई व्यक्ति अपने जितना ही अपने साथी की फेसबुक गतिविधि की जांच करता है, वह उतना ही ईर्ष्या और अविश्वास से भरता जाता है.
सोशल मीडिया बन रहा तलाक की वजह
केस से समझें सोशल मीडिया की भूमिका सोशल मीडिया किस तरह तलाक की वजह बन रहा है, इसे मुजफ्फरपुर के कुछ केस से समझा जा सकता है. एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी से इसलिये तलाक लिया कि पत्नी उसकी परवाह नहीं करती थी. वह हर समय सोशल मीडिया में उलझी रहती थी. उसका अधिकतर समय मोबाइल पर ही बीतता था. पत्नी ने अपना सोशल मीडिया अकाउंटस भी गुप्त रखा था. पति को शक था कि पत्नी उसके साथ बेवफाई कर रही है और नौबत तलाक तक आ पहुंची. दूसरा केस भी ऐसा ही है. सोशल मीडिया युवक से जान पहचान होने के बाद युवती ने भाग कर शादी कर ली. युवक ने बताया था कि वह इंजीनियर है, लेकिन ऐसा नहीं था. विश्वास टूटने के बाद युवती ने शादी तोड़ ली और कोर्ट में तलाक की अर्जी दी.
उम्र के हिसाब से तलाक के मामले
आयु तलाक
फीसदी
18-24
27.6
25-34
35.1
35-44
16.2
45-54
10.0
55-64
07.0
65 से अधिक
05.0
स्रोत
एडजुआ लीगल्स गूगल एनॉलिटिक, 2025
वरीय अधिवक्ता डॉ संगीता शाही ने बताया कि तलाक के मामले इन दिनों काफी बढ़े हैं. फैमिली कोर्ट में केस दर्ज होने के बाद पति-पत्नी की काउंसलिंग की जाती है कि वह एक साथ रहने के लिए राजी हो जाये, लेकिन अधिकतर मामलों में दोनों अपनी जिद पर अड़े रहते हैं. दोनों पक्षों के तैयार नहीं होने पर तलाक का फैसला दिया जाता है. तलाक के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं.
सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी ठाकुर ने बताया कि बदलते समय में सोशल मीडिया दांपत्य जीवन में आपसी मनमुटाव का एक बड़ा कारण बन गया है. मनमुटाव से शुरू हुआ वैचारिक मतभेद तलाक तक पहुंच रहा है. दरअसल सोशल मीडिया हमें आभाषी दुनिया का सैर कराता है, जिससे हम अपने व्यवहारिक जीवन से कट जाते हैं. इससे एक दूसरे के प्रति शक, ईर्ष्या, कटुता जैसी भावना उत्पन्न होती है. यह तलाक का बड़ा कारण है. मानसिक प्रदूषण को रोक कर ही हम परिवार को बिखरने से बचा सकते हैं.
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