Exclusive: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर गरीबनाथ मंदिर का होगा विकास, धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

Exclusive: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर गरीबनाथ मंदिर का विकास किया जाएगा. इसके लिए नगर निगम प्रशासन ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है.

By Radheshyam Kushwaha | February 25, 2025 5:30 AM
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Exclusive: देवेश कुमार/ मुजफ्फरपुर को स्मार्ट और मेट्रो सिटी का सौगात मिलने के बाद, अब बाबा गरीबनाथ मंदिर को बनारस के काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है. नगर निगम प्रशासन ने इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार करना शुरू कर दिया है. एक मार्च को नगर निगम बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा के बाद मंजूरी मिलने की उम्मीद है. बाबा गरीबनाथ मंदिर कॉरिडोर का निर्माण साहू पोखर से जोड़ते हुए होगा. सोमवार को महापौर निर्मला साहू ने स्थानीय पार्षद केपी पप्पू सहित अपने कैबिनेट के सदस्यों के साथ लंबी मंत्रणा करने के बाद आगामी निगम बोर्ड की मीटिंग में चर्चा के लिए इस प्रस्ताव को रखने का आदेश नगर आयुक्त विक्रम विरकर को दिया है. बताया जाता है कि नगर निगम से इस प्रस्ताव को पारित कर एस्टीमेट व खर्च होने वाली राशि के लिए राज्य व केंद्र सरकार को भेज दिया जायेगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर होगा विकास

बता दें कि पूर्व में मुजफ्फरपुर में मेट्रो रेल परियोजना की स्वीकृति भी नगर निगम बोर्ड से ही करते हुए राज्य व केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया था. बाबा गरीबनाथ मंदिर और साहू पोखर, दोनों बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के अधीन आते हैं. मंदिर के विकास से मुजफ्फरपुर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा. महापौर निर्मला साहू कहती हैं कि मुजफ्फरपुर उत्तर बिहार की अघोषित राजधानी है. श्रावण मास में लाखों श्रद्धालु पहलेजा घाट से जल भरकर बाबा गरीबनाथ मंदिर में जलाभिषेक के लिए आते हैं. मंदिर के नए सिरे से निर्माण से आसपास के क्षेत्रों का विकास जरूरी है. मंदिर के पास ऐतिहासिक साहू पोखर है, जहां महादेव का पुराना मंदिर है. दोनों स्थलों को जोड़कर कॉरिडोर बनाने से मुजफ्फरपुर पर्यटकों के लिए एक बड़ा केंद्र बन जायेगा. डबल इंजन वाली राज्य और केंद्र सरकार इस कॉरिडोर के निर्माण के लिए पर्याप्त राशि उपलब्ध करायेगी.

कॉरिडोर का महत्व

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा: देश व विदेश से श्रद्धालु आएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था में सुधार होगा.
रोजगार का सृजन : कॉरिडोर से जुड़े क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.
क्षेत्र का विकास: आसपास के छोटे मंदिरों का जीर्णोद्धार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को लाभ होगा.

कॉरिडोर से जुड़ी परियोजनाओं के फायदे

  • धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा
  • विदेशी मुद्रा और रोजगार का सृजन.
  • मंदिर क्षेत्रों का विस्तार और जीर्णोद्धार.
  • बाबा गरीबनाथ मंदिर कॉरिडोर पर्यटकों का बड़ा केंद्र बना सकता है.

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