संवाददाता, मुजफ्फरपुर साइबर फ्रॉड गिरोह के सरगना अभिषेक कुमार गिरफ्तारी के डर से अंडरग्राउंड हो गया है. उसके घर से बरामद 15.88 लाख नकदी व डिजिटल कैश लॉकर का हवाला कारोबार से भी ताड़ जुड़ने की संभावना है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में इस बात के संकेत मिले हैं कि अभिषेक हवाला के जरिए रुपये का अवैध लेनदेन करता था. एसआइटी टीम अब अभिषेक की तलाश में हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में संभावित ठिकाने को ट्रेस कर रही है. वह गिरफ्तारी के डर से लगातार लोकेशन बदल रहा है. पुलिस उसकी मोबाइल लोकेशन और डिजिटल ट्रांजैक्शन के माध्यम से उसे ट्रैक करने की कोशिश में जुटी है. बताया जाता है कि अभिषेक के नेटवर्क से जुड़े शातिर बैग में नकदी भरकर लाते थे और उसे सौंपते थे. अभिषेक की गिरफ्तारी के बाद खुलने वाले डिजिटल लॉकर से हवाला कारोबार की पुष्टि होने की उम्मीद जताई जा रही है. पुलिस ने अब तक उसके कब्जे से आठ मोबाइल फोन बरामद किए हैं, जिनमें प्रयुक्त सिम कार्ड धारकों का सत्यापन किया जा रहा है. राजेपुर पुलिस द्वारा की गई छापेमारी के दौरान अभिषेक तो फरार हो गया, लेकिन उसका भाई विकास कुमार गिरफ्त में आ गया. तलाशी में पुलिस ने अभिषेक के कमरे से 15 लाख 88 हजार 139 रुपये नकद, एक लैपटॉप, एक कैश चेस्ट मशीन, कई बैंक पासबुक, चेक बुक, एटीएम और डेबिट कार्ड सहित अन्य आपत्तिजनक सामान बरामद किया. पुलिस जब अभिषेक के घर के अंदर दाखिल हुई तो ऐसा लगा कि अंदर कोई मिनी बैंक चल रहा था. बैंकिंग को लेकर जो भी सामान होना चाहिए सभी वह अपने घर के अंदर रखे हुए थे . उसके घर से कई ऐसे बैंक खाते, पासबुक और एटीएम मिले हैं जो दूसरे व्यक्तियों के नाम पर थे. इन खातों से जुड़े लोगों से पूछताछ हो चुकी है, जबकि अन्य की पहचान कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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