गरीबनाथ मंदिर: जलाभिषेक के लिए उमड़ा सैलाब,  जिला प्रशासन की व्यवस्था में चूक, भीड़ संभालने में पुलिस नदारद..

गरीबनाथ मंदिर रामदयालु से गरीबनाथ मंदिर तक जगह-जगह पर भीड़ को रोकने की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने से भीड़ पर नियंत्रित करना मुश्किल हो गया. सेवा दल के करीब एक सौ सदस्यों ने आमगोला में करीब दो घंटे तक भीड़ को गरीबनाथ मंदिर की ओर जाने से रोका.

By RajeshKumar Ojha | August 5, 2024 9:48 PM
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गरीबनाथ मंदिर में सावन की तीसरी सोमवारी पर रविवार की रात से ही कांवरियों का सैलाब उमड़ पड़ा. रात्रि डेढ़ बजे के बाद स्थिति अनियंत्रित हो गयी. कांवरियों के लिए बनायी गयी बैरिकेडिंग के अलावा पूरे सड़क पर कांवरियों की भीड़ उमड़ पड़ी. रामदयालु से लगातार आ रहे कांवरिये बैरिकेडिंग को छोड़ अगल के रास्ते से प्रवेश कर गये.

भीड़ इतनी अधिक थी कि इसे रोकना मुश्किल था. नतीजा रात्रि ढाई बजे प्रभात सिनेमा चौक पर लोहे की बैरिकेडिंग टूट गयी. सेवा दलों के सदस्यों के बार-बार रोकने के बावजूद भीड़ रुकने को तैयार नहीं थी वे आगे बढ़ते रहे. अघोरिया बाजार से गरीबनाथ मंदिर तक पैर रखने की जगह नहीं थी.

इस बीच कई बार भगदड़ मची. जिससे 50 से अधिक कांवरिये बेहोश हो गये. पुरानी बाजार चौक पर दो एंबुलेंस बुला कर कांवरियों को सदर अस्पताल भेजा गया. सेवा दलों के सदस्यों न कांवरियों की भीड़ से बच्चों और मूर्छित होती महिलाओं को बाहर निकाला. जिला प्रशासन ने रात में कांवरियों की भीड़ को देखते हुए हरिसभा से पानी टंकी चौक होते हुए जिला स्कूल में बने जिग-जैग में कांवरियों का प्रवेश कराया, बावजूद भीड़ इतनी अधिक थी कि यह व्यवस्था भी काम नहीं आयी.

पुरानी बाजार से ही कांवरियों ने जल फेकना शुरू किया

भीड़ से परेशान कांवरियों ने पुरानी बाजार से ही जल फेकना शुरू कर दिया था. प्रभात सिनेमा के पास भीड़ में फंसे कांवरियों ने जल फेकना शुरू किया. कुछ कांवरियों ने लोटा ही फेक दिया. जल फेक कर कांवरिये भीड़ से बाहर निकलने की कोशिश करते रहे. भीड़ में दब कर किसी तरह कांवरिये मंदिर के पास पहुंचे भी तो वे अरघा में जल नहीं डाल पाये. कांवरियों ने अरघा के पास ही जल फेक दिया. एक कांवरियों के जल से दूसरे भीगते रहे. भीड़ से बाहर निकले कांवरिये इस बात से दुखी थे कि वे बाबा को जल नहीं चढ़ा पाये. कांवरियों का कहना था कि ऐसी व्यवस्था का पता होता तो यहां जल लेकर नहीं आते.

व्यवस्था नहीं होने से बढ़ गयी भीड़

रामदयालु से गरीबनाथ मंदिर तक जगह-जगह पर भीड़ को रोकने की प्रशासनिक व्यवस्था नहीं होने से भीड़ पर नियंत्रित करना मुश्किल हो गया. सेवा दल के करीब एक सौ सदस्यों ने आमगोला में करीब दो घंटे तक भीड़ को गरीबनाथ मंदिर की ओर जाने से रोका. माइक से बार-बार कांवरियों से धैर्य रखने की अपील की जा रही थी, लेकिन वे मानने के लिए तैयार नहीं थे. कुछ देर तक कांवरिये रुकते, फिर आगे बढ़ने लगते. मंदिर से रामदयालु तक माइकिंग से मॉनिटरिंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण यह समझ में नहीं आ रहा था कि मंदिर में कितनी भीड़ है और कांवरियों को आमगोला पुल से पहले कितनी देर तक रोकना है. स्थिति यह थी कि चार घंटे तक अनहोनी की आशंका बनी रही.

डाक कांवर की भीड़ से स्थिति हुई अनियंत्रित

रात्रि में डाक कांवर की भीड़ से स्थिति अनियंत्रित हो गयी. इसका अंदाजा न मंदिर प्रशासन को था और न ही पुलिस प्रशासन को. डाक कांवरियों के लिए महिला और पुरुष बैरिकेडिंग से अलग रास्ता बनाया गया था, लेकिन डाक कांवरियों की संख्या इतनी अधिक थी कि चार घंटे तक अघोरिया बाजार से गरीबनाथ मंदिर तक पैर रखने की जगह नहीं थी. इसके अलावा रामदयालु से शहर तक रात्रि 12 बजने के इंतजार में जुटे हजारों कांवरियों का भी हुजुम उमड़ पड़ा. साथ ही लगातार आने वाले कांवरियों की भीड़ अलग. अचानक कांवरियों का सैलाब उमड़ने के कारण इसे संभालना मुश्किल हुआ.

बालाजी परिवार का शिविर टूटा, गिरे कई कांवरिये

प्रभात सिनेमा के सामने लगे बालाजी परिवार का शिविर कांवरियों की भीड़ के कारण टूट गया. टेबुल, कुर्सी टूट गये. साथ ही कांवरियों के इलाज के लिए रखी दवाएं, मरहम-पट्टी भी सड़क पर गिर कर बर्बाद हो गया. रात्रि दो बजे बैरिकेडिंग तोड़ कर प्रभात सिनेमा रोड में घुसी भीड़ से शिविर उखड़ गया. यहां सेवा कर रहे स्वयंसेवकों ने भी भाग कर खुद को सुरक्षित किया. करीब आधे घंटे बाद यहां पर सेवा दल के सदस्यों ने भीड़ में परेशान कांवरियों को बाहर निकाला और उसकी चिकित्सा करायी. बालाजी परिवार के अशोक अंदाज ने बताया कि भीड़ देख कर घबराहट होने लगी थी.

सुबह में गरीबनाथ मंदिर के बाहर अफरा-तफरी

सोमवार की सुबह में गरीबनाथ मंदिर के बाहर अफरा-तफरी मच गयी. स्थानीय भक्तों के साथ कांवरियों की भीड़ को संभालना सेवा दलों के लिए मुश्किल हो रहा था. मंदिर से बार-बार एनाउंस के बाद भी भक्त मानने के लिए तैयार नहीं थे. करीब सुबह 11 बजे तक यहां ऐसी ही स्थिति रही. इसके बाद धीरे-धीरे भीड़ नियंत्रित होने लगी. यहां दोपहर चार बजे तक लोगों ने बाबा का जलाभिषेक किया.

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