ज्ञानकुंभ पूजन के बाद ज्ञानकुंभ यात्रा का शुभारंभ
इस ज्ञानकुंभ यात्रा में इन विषयों को केंद्र में रखकर विकसित भारत की रूपरेखा पर विमर्श किया जाएगा. ज्ञानकुंभ पूजन एवं अनुष्ठान से लेकर ज्ञानकुंभ यात्रा शुभारंभ कार्यक्रम तक के संपूर्ण आयोजन के दौरान कुलानुशासक प्रो.विनय शंकर राय, कुलसचिव डॉ अपराजिता कृष्णा, एलएसकॉलेज के प्राचार्य प्रो.ओमप्रकाश राय, आरबीबीएम कॉलेज की प्राचार्य प्रो. ममता रानी सहित विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, सभी संकायाध्यक्ष, स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष, शहरी क्षेत्र के सभी कॉलेजों के प्राचार्य, शिक्षक व कर्मचारी समेत छात्र-छात्राएं भी मौजूद रहे.
मां जानकी जन्मस्थली से जल और मिट्टी लेकर निकलेगी रथ यात्रा
एलएस कॉलेज में कार्यक्रम के बाद ज्ञानकुंभ रथयात्रा मां जानकी जन्मस्थली सीतामढ़ी के लिए प्रस्थान कर गयी. वहां मां जानकी जन्मस्थली से जल एवं मिट्टी लिया जाएगा, इस अवसर पर सीतामढ़ी के सभी महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक व शिक्षक प्रतिनिधि, शिक्षकेत्तर कर्मी, शिक्षकेत्तर प्रतिनिधि, छात्र व छात्र प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे. रात्रि विश्राम गोयनका कॉलेज, सीतामढ़ी में प्रस्तावित है. 14 नवंबर को गोयनका कॉलेज से यात्रा शिवहर के लिए प्रस्थान करेगी. उसी दिन शिवहर से यह यात्रा एलएनडी कॉलेज, मोतिहारी के लिए प्रस्थान करेगी. वहां अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा.
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रथ यात्रा का अगला पड़ाव महात्मा गांधी केंद्रीय विवि होगा
रथ यात्रा का अगला पड़ाव महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय होगा. वहां से ज्ञानकुंभ यात्रा बेतिया के प्रस्थान कर जाएगी. बेतिया में एमजेके कॉलेज में रात्रि विश्राम होगा. 15 नवंबर को ज्ञानकुंभ यात्रा हाजीपुर वैशाली के लिए प्रस्थान करेगी. यहां से मिट्टी संग्रह के बाद आरएन कॉलेज, हाजीपुर में यात्रा पहुंचेगी. यहीं रात्रि विश्राम होगा. 16 नवंबर को हाजीपुर में रथयात्रा का अभिनंदन कार्यक्रम होगा. उसी दिन यात्रा नालंदा के लिए प्रस्थान करके नालंदा विश्वविद्यालय, राजगीर पहुंचेगी. नालंदा ज्ञानकुंभ में भारत को 2047 तक विकसित बनाए जाने में भारतीय ज्ञान परंपरा की भूमिका रेखांकित करने के लिए देश-विदेश के अनेक विद्वान शामिल होंगे. पूर्ण ज्ञानकुंभ यात्रा एलएस कॉलेज के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ राजेश्वर कुमार के संयोजन में पूर्ण होगी.