मुजफ्फरपुर. लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान (एलएसबीए) के तहत खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाये रखने और ओडीएफ प्लस की दिशा में आगे बढ़ने के लिए निर्मित सामुदायिक परिसंपत्तियों की क्रियाशीलता की जांच शुरू हो गयी है. जिले भर की विभिन्न पंचायतों में इन परिसंपत्तियों की भौतिक जांच के लिए 80 पदाधिकारियों की एक टीम का गठन किया गया है. उप विकास आयुक्त सह उपाध्यक्ष जिला जल एवं स्वच्छता समिति ने सभी पदाधिकारियों को इन परिसंपत्तियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाने के लिए बिना किसी लापरवाही के गहन जांच करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. जांच के दायरे में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित विभिन्न इकाइयाँ शामिल हैं, जैसे सामुदायिक स्वच्छता परिसर, इ-रिक्शा, अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाइ (डब्ल्यूपीयू), सामुदायिक सोख्ता, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र (पीडब्ल्यूएमयू), गोवर्द्धन इकाई जंक्शन चेंबर, और नाली आउटलेट पॉइंट. जांच टीम यह सुनिश्चित करेगी कि ये सभी परिसंपत्तियां वर्तमान में क्रियाशील हैं या नहीं. जांच टीम में प्रखंड विकास पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी मनरेगा, प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी, सीडीपीओ, प्रखंड समन्वयक सहित अन्य पदाधिकारी शामिल हैं. यह पहल लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह राज्य मिशन निदेशक हिमांशु शर्मा द्वारा सभी जिलों को इसकी जांच कराने के निर्देश के आलोक में की गयी है.
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