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उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया
केंचुआ खाद से दूर होती नाइट्रोजन की कमी
मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए जैविक पदार्थ फायदेमंद होता है. केंचुआ खाद भी नाइट्रोजन व अन्य पोषक तत्त्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है. ढैंचा, सनई, मूंग, लोबिया जैसी दलहनी फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती है. इन फसलों को उगाकर मिट्टी में जोतने से नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है. इसके अलावा चना, मटर, मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन जैसी दलहनी फसलें अपनी जड़ों में पाये जाने वाले राइजोबियम बैक्टीरिया की मदद से वातावरण की नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर करती हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. फसल चक्र में दलहनी फसलों को शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा नाइट्रोजन युक्त रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग जिसमें सीमित मात्रा में यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट, डीएपी का उपयोग भी फायदेमंद है.
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