मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी, पौधे बढ़ ही नहीं रहे

जिले की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी है. इससे फसलें प्रभावित हो रही हैं.

By Vinay Kumar | May 20, 2025 7:30 PM
an image

मुख्य बातें

उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर

मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया

केंचुआ खाद से दूर होती नाइट्रोजन की कमी

मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए जैविक पदार्थ फायदेमंद होता है. केंचुआ खाद भी नाइट्रोजन व अन्य पोषक तत्त्वों का एक उत्कृष्ट स्रोत है. ढैंचा, सनई, मूंग, लोबिया जैसी दलहनी फसलें मिट्टी में नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती है. इन फसलों को उगाकर मिट्टी में जोतने से नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है. इसके अलावा चना, मटर, मूंग, अरहर, मसूर, सोयाबीन जैसी दलहनी फसलें अपनी जड़ों में पाये जाने वाले राइजोबियम बैक्टीरिया की मदद से वातावरण की नाइट्रोजन को मिट्टी में स्थिर करती हैं, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है. फसल चक्र में दलहनी फसलों को शामिल करना बहुत फायदेमंद होता है. इसके अलावा नाइट्रोजन युक्त रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग जिसमें सीमित मात्रा में यूरिया, अमोनियम नाइट्रेट, डीएपी का उपयोग भी फायदेमंद है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां मुजफ्फरपुर न्यूज़ (Muzzafarpur News), मुजफ्फरपुर हिंदी समाचार (Muzzafarpur News in Hindi),ताज़ा मुजफ्फरपुर समाचार (Latest Muzzafarpur Samachar),मुजफ्फरपुर पॉलिटिक्स न्यूज़ (Muzzafarpur Politics News),मुजफ्फरपुर एजुकेशन न्यूज़ (Muzzafarpur Education News),मुजफ्फरपुर मौसम न्यूज़ (Muzzafarpur Weather News)और मुजफ्फरपुर क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version