Jamin Jamabandi: जमाबंदी में मुजफ्फरपुर ने पटना को पछाड़ा, बिहार में किया टॉप
21 लाख की जमाबंदी के साथ मुजफ्फरपुर जिला बिहार में नंबर वन पर आ गया है. यहां जमीन की जमाबंदी में 90 फीसदी ऑनलाइन का दावा किया गया. जिला प्रशासन के मुताबिक पटना मुजफ्फरपुर से पीछे है.
By Anand Shekhar | August 20, 2024 9:51 PM
Bihar Jamin Jamabandi: जमीन की जमाबंदी कायम करने में जिला, राज्य में नंबर एक स्थान पर है. दूसरे नंबर राजधानी पटना है. कुल 21 लाख जमाबंदी हुई है. जिला प्रशासन के आंकड़े के अनुसार 90 प्रतिशत जमाबंदी को ऑनलाइन कर दिया गया है. हालांकि यह प्रशासनिक दावा है. वैसे जमाबंदी में काफी त्रुटि भी है. जिसकी शिकायत जमीन मालिक करते रहते हैं. खाता व खेसरा नंबर भी गलत होता है. करीब एक लाख से अधिक जमाबंदी को रोक सूची में रखा गया है. जिसकी खरीद बिक्री नहीं हो सकती है.
ऑनलाइन जमाबंदी खेसरा खतौनी नकल देखना चाहते हैं तो अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के पोर्टल पर घर बैठे देख सकते हैं. ऑनलाइन भूलेख मुजफ्फरपुर, बिहार खोजें. वहीं, लैंड रिकॉर्ड मुजफ्फरपुर से संबंधित दस्तावेज की जांच कर उसे डाउनलोड कर सकते हैं.
जमाबंदी को आधार से लिंक कराना जरूरी
आपने अपनी जमीन की जमाबंदी को आधार कार्ड से अब तक लिंक नहीं करवाया है और मोबाइल नंबर से उसे नहीं जुड़वाया है तो जल्द ही जुड़वा लें. आपकी जमाबंदी को अंचल कार्यालय द्वारा लॉक किया जा सकता है. आधार से लिंक कराने के लिए भू-स्वामी राजस्व कर्मचारी से मिल लें. उन्हें संबंधित जमीन लगान की रसीद, आधार कार्ड व मोबाइल नंबर दें. इसके बाद राजस्व कर्मचारी द्वारा जमाबंदी को लिंक कर सभी जानकारी ऑनलाइन कर दी जाएगी. लिंक होने की जानकारी भू-स्वामी को 10-15 दिन के अंदर मोबाइल पर भेज दी जाएगी.
मालिक का नाम: इसमें उस व्यक्ति या संस्था का नाम शामिल है जिसके पास जमीन है.
खेसरा नंबर: प्रत्येक भूमि को एक विशिष्ट पहचान नंबर सौंपी जाती है, जिसे खसरा संख्या के रूप में जाना जाता है. यह नंबर भूमि की सटीक पहचान व सीमा स्थिर करने में मदद करता है.
जमीन का वर्गीकरण: यह जमीन को उसके उपयोग के आधार पर वर्गीकृत करता है, जैसे कृषि भूमि, रेसीडेंशियल भूमि, वाणिज्यिक भूमि, आदि
जमीन का क्षेत्रफल: डॉक्यूमेंट जमीन के कुल क्षेत्रफल के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसे आमतौर पर एकड़, हेक्टेयर या वर्ग मीटर में मापा जाता है.
खेती की डिटेल्स: जमाबंदी में भूमि पर उगाई जाने वाली फसल, खेती के प्रकार और जमीन की प्रोडक्टिविटी की जानकारी भी शामिल होती है
रुकावटें : इसमें जमीन पर किसी भी कानूनी या फाइनेंशियल रुकावटें, जैसे मोर्गेजिस, लंबित विवादों को मेंशन किया गया है.
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