स्वच्छ सर्वेक्षण 2024
::: 388 रैंक मिला था 2023 में, इस बार राष्ट्रीय स्तर पर मिला है 78वां रैंक
::: शहर को साफ-सुथरा रखने में मुजफ्फरपुर से काफी अच्छा काम कर रहा है गयाजी एवं भागलपुर नगर निगम, राष्ट्रीय स्तर पर जारी रैंकिंग से सच्चाई का चला पता
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर
बॉक्स ::: किस वर्ष कितना था मुजफ्फरपुर की रैंकिंग
वर्ष 2017 – 304वर्ष 2018 – 348वर्ष 2019 – 387वर्ष 2020 – 299वर्ष 2021 – 250वर्ष 2022 – 247वर्ष 2023 – 388संसाधनों में वृद्धि के बावजूद राज्य रैंकिंग में गिरावट पर उठे सवाल
सफाई से जुड़े संसाधनों की बात करें तो पिछले पांच-सात सालों की तुलना में काफी बढ़ोतरी हुई है. पिछले कई सालों में रैकिंग में तेजी से सुधार हुआ था. लेकिन, इस बार अचानक राज्य स्तरीय रैंकिंग में मुजफ्फरपुर का पिछड़ना निगम की कार्यशैली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. अत्याधुनिक मशीन से लेकर डेढ़ हजार से अधिक सफाई कर्मी प्रतिदिन काम करते हैं. साल में 50 करोड़ रुपये से अधिक की खर्च होती है. बावजूद, पिछले छह सालों की तुलना में काफी खराब रैंकिंग आया है. इससे कई तरह के सवाल उठने शुरू हो गये हैं. सफाई व्यवस्था की मॉनिटरिंग में जुटे अधिकारियों की कार्यशैली पर सबसे ज्यादा सवाल उठ रहा है.
ओडीएफ प्लस का मिला रेंटिंग, कचरा मुक्त नहीं है अपना शहर
स्वच्छता सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर नगर निगम को ओडीएफ प्लस रेटिंग मिला है. कचरा मुक्त शहर के लिए शून्य स्टार मिला है. जबकि, गयाजी नगर निगम को ओडीएफ रेटिंग और कचरा मुक्त शहर के लिए 3 स्टार रेटिंग प्राप्त हुई है. यह पहली बार है जब बिहार का कोई शहर 10 लाख की श्रेणी में शीर्ष 50 में गयाजी शामिल हुआ है. साथ ही, गयाजी ने राज्य में स्रोत पृथक्करण और अपशिष्ट प्रसंस्करण के क्षेत्र में भी पहला स्थान प्राप्त किया है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है