मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर लोक शिकायत अधिकार अधिनियम के तहत लंबित मामलों के निष्पादन में हो रही अत्यधिक देरी पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने गहरी नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने स्पष्ट किया कि लोक प्राधिकारों द्वारा गुणवत्तापूर्ण रिपोर्ट प्रस्तुत न किये जाने के कारण अनावश्यक रूप से लंबित मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जिससे अनुमंडलीय और जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारियों को सुनवाई करने में भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति के चलते सुनवाई की तिथियों को बार-बार बढ़ाना पड़ रहा है, जिससे शिकायतों का निपटारा समय पर नहीं हो पा रहा है. डीएम ने ऐसे लोक प्राधिकारों को तत्काल चिह्नित कर उनकी सूची उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है, ताकि उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई की जा सके. इसके अतिरिक्त, उन्होंने आइटी प्रबंधक को लोक सेवाओं के अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व में दंडित किये गये पदाधिकारियों से राशि वसूली सुनिश्चित करने के लिए भी कहा है. समीक्षा बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि सुनवाई के दौरान कई बार लोक प्राधिकार, विशेषकर पुलिस पदाधिकारी, स्वयं उपस्थित नहीं होते हैं. कई मामलों में तो वे अपने कार्यालय के किसी लिपिक को भेज देते हैं, और कुछ परिस्थितियों में तो वे भी अनुपस्थित रहते हुए केवल रिपोर्ट भेज देते हैं. डीएम ने लोक प्राधिकारों की सुनवाई के दौरान उपस्थिति को अनिवार्य बताया है और संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि अनुपस्थित रहने वाले पदाधिकारियों की सूची तैयार कर उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई के लिए प्रस्ताव उपलब्ध कराएं. यह भी जानकारी दी गई कि अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी पूर्वी के पास 35 और पश्चिमी के पास 42 मामले वर्तमान में लंबित हैं, जो इस समस्या की गंभीरता को दर्शाता है.
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