रामविलास नगर में चल रहे नौ दिवसीय रामकथा का समापन
उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर
कथावाचक ने कहा कि विभीषण अपने भाई रावण को सलाह देते हुए कहते हैं कि दुश्मनी छोड़कर रघुनाथ जी को प्रणाम करें, क्योंकि वे शरण में आये जीव का दुख नाश करनेवाले हैं. रावण को सीता जी को लौटाने और बिना कारण प्रेम करने वाले श्रीराम को स्मरण करने की सलाह दी. अयोध्या में राम के राज्याभिषेक का वर्णन करते हुए देवकीनंदन ने कहा कि पूरी अयोध्या को भव्य रूप से सजाया गया था. मार्ग को फूलों व रोशनी से सजाया गया और महल को विशेष रूप से अलंकृत किया गया था.
राम का राज्याभिषेक आदर्श राजा का प्रतीक
राम ने न्याय व धर्म के साथ अयोध्या पर शासन किया और उनके शासन में लोगों को सुख, समृद्धि व शांति प्राप्त हुई. राम का राज्याभिषेक आदर्श राजा की स्थापना का प्रतीक था और उनके शासनकाल में अयोध्या एक आदर्श राज्य बन गया. परिषद के सचिव कृष्ण मिश्रा ने कहा कि राम राज्य के बिना भारत की कल्पना करना कठिन है. एक हाथ में रामायण व एक हाथ में तीर-धनुष के बगैर भारत को सुरक्षित रखना संभव नहीं है. मुख्य यजमान वार्ड पार्षद गणिता देवी, दीपू सहनी, चंदेश्वर राम, सुशीला देवी रहीं. मौके पर शंकर पासवान, रामेश्वर पासवान, धर्मेंद्र पासवान, प्रभु साह, अरुण राणा, मनोज मिश्रा, दीनानाथ झा, राम उदय सहनी, बिरजू सहनी, राकेश पटेल, संजय पंडित, शंकर राय, गणेश पटेल, योगेंद्र राम सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे.
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