विकास परियोजनाओं के काम अधर में मुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर राज्य में विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित भूमि के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया बड़े पैमाने पर अटकी हुई है. इस देरी पर अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक ने संज्ञान लिया है और सभी जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई के सख्त निर्देश जारी किये हैं. अधियाची विभाग (जिन विभागों के लिए भूमि अधिग्रहित की गई है) लगातार पत्राचार कर रहे हैं, इसके बावजूद अधिग्रहित भूमि का नामांतरण उनके नाम पर नहीं हो पा रहा है. इस वजह से जमाबंदी (रिकॉर्ड ऑफ राइट्स) कायम करने में भी भारी विलंब हो रहा है, जिससे कई परियोजनाएं अधर में लटकी हुई हैं. विभाग द्वारा हाल ही में प्राप्त आवेदनों की समीक्षा की गई, जिसमें एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. 90 दिनों से भी अधिक का समय बीत जाने के बाद भी बड़ी संख्या में नामांतरण की कार्रवाई लंबित पड़ी है. यह स्थिति न केवल प्रशासनिक अक्षमता को दर्शाती है, बल्कि विकास कार्यों की गति को भी बाधित कर रही है. राजस्व विभाग के निदेशक ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझते हुए सभी जिला भू-अर्जन पदाधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं. उन्हें कहा गया है कि वे तुरंत संबंधित अंचल (सर्किल ऑफिस) से समन्वय स्थापित करें और नामांतरण की इस पूरी प्रक्रिया को शीघ्रता से पूरा करें. निदेशक ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि नामांतरण के बाद ही जमाबंदी कायम करने की कार्रवाई की जा सकेगी, जो भूमि रिकॉर्ड को वैध बनाने के लिए जरूरी है. इस कार्य को उच्च प्राथमिकता पर रखने का निर्देश दिया गया है ताकि नामांतरण व जमाबंदी की प्रक्रिया को तेजी से पूरी की जा सके और राज्य में विकास परियोजनाओं को बिना किसी और देरी के आगे बढ़ाया जा सके.
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