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जहां से शुरू, वहीं अभियान ने तोड़ दिया दम
किराए से रहने वाले बदमाश करते हैं वारदात सदर थाना क्षेत्र में शुरू किया जाना था सत्यापन संवाददाता, मुजफ्फरपुर
Muzaffarpur
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दस फीसदी रेंटर का भी सत्यापन नहीं
अपराधियों के लिए मुफीद हैं ये दो मुहल्ले
एनएच से सटे होने से अहियापुर व सदर थाना क्षेत्र में अपराधी किराये पर कमरा लेते हैं. वहां रहकर रेकी करते हैं. फिर वारदात को अंजाम देकर आसानी से फरार हो जाते हैं. पुलिस की पूर्व की जांच में यह बात सामने आयी थी कि इन दोनों मुहल्लों में दस जिले सीतामढ़ी, शिवहर, वैशाली, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, बेगूसराय, गोपालगंज व कटिहार के कोढ़ा गिरोह के शातिर किराये पर कमरा लेकर शहर में लूट, डकैती, बैंक लूट, रुपये छिनतई, कांट्रैक्ट किलिंग समेत अन्य वारदात को अंजाम दे चुके हैं.आसानी से किराये पर दे रहे हैं कमरे
शहर में किराये पर कमरा लेने के लिए किसी भी तरह की पूछताछ मकान मालिक नहीं करते हैं. कोई पढ़ाई के लिए तो कुछ काम करने के नाम पर कमरा ले लेते हैं. प्रूफ के नाम पर एक आधार कार्ड की फोटो कॉपी ले लेते हैं. इसके अलावा मकान मालिक कोई और प्रमाण पत्र नहीं मांगते हैं. मकान मालिक की लापरवाही से जिले में बड़ी आपराधिक वारदातें हुई हैं.
इस मामले से समझें, क्यों है सत्यापन जरूरी
प्रॉपर्टी डीलर नवल किशोर सिंह की हत्या करने से पहले अपराधियों ने अहियापुर में किराये पर कमरा लेकर डेढ़ माह तक रेकी की. इसके अलावा मुथूट फाइनेंस से 32 किलो सोना लूट में भी अपराधियों ने सदर थाना क्षेत्र में किराये से रहकर रेकी की थी. कोढ़ा गिरोह के शातिर ने नगर थाना क्षेत्र के एक गेस्ट हाउस में रहकर उत्तर बिहार में आपराधिक वारदात को अंजाम दिया था.
शहर में नये सिरे से रेंटर वेरिफिकेशन किया जायेगा. इसको लेकर सभी एसडीपीओ व थानेदार की जिम्मेदारी तय की जायेगी. मकान मालिकों को भी रेंटर का थाने से सत्यापन कराना होगा. -विश्वजीत दयाल, सिटी एसपी
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