मुशहरी, मुरौल, कटरा, गायघाट, बोचहा, पारू और बंदरा के अंचल अधिकारी/प्रखंड विकास पदाधिकारी जैसे अधिकारियों पर हुई
डीएम सुब्रत कुमार सेन ने विभागीय कार्यों में उदासीनता बरतने वाले 15 अधिकारियों के वेतन भुगतान पर तत्काल रोक लगा दी है. यह सख्त कार्रवाई डॉ. आंबेडकर समय सेवा अभियान की समीक्षा के दौरान सामने आई लापरवाही के बाद की गई है. दरअसल, 5 मई को डीएम की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में डॉ. आंबेडकर समय सेवा अभियान के तहत विभिन्न अभियानों की प्रगति की समीक्षा की गयी थी. इस दौरान यह बात सामने आई कि घोसौत में 191, कटरा में 418, गायघाट में 105, बोचहा में 37 और बंदरा में 15, कुल 866 आवेदन निष्पादन के लिए लंबित पड़े हैं. समय पर इन आवेदनों का निष्पादन न होने पर जिलाधिकारी ने गहरी नाराजगी व्यक्त की.
डीएम ने मांगा स्पष्टीकरण
डीएम ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के लाभार्थियों के चयन और विभिन्न रिपोर्टों को समय पर उपलब्ध कराना आवश्यक है. उन्होंने साफ कहा कि किसी भी कार्य में आनाकानी स्वीकार्य नहीं है और इसे विभागीय कार्यों के निष्पादन में घोर उदासीनता माना जाएगा. अधिकारियों को तत्काल स्पष्टीकरण देने को कहा गया है कि विभागीय कार्यों में लापरवाही बरतने के लिए उनके विरुद्ध प्रपत्र ””क”” में आरोप गठित कर अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों न की जाए. इस स्पष्टीकरण पर निर्णय होने तक 5 मई,का वेतन भुगतान स्थगित रहेगा.
इन अधिकारियों पर गिरी गाज
यह कार्रवाई मुख्य रूप से जिले के ग्रामीण क्षेत्रों, खासकर मुशहरी, मुरौल, कटरा, गायघाट, बोचहा, पारू और बंदरा के अंचल अधिकारी/प्रखंड विकास पदाधिकारी जैसे अधिकारियों पर हुई है. इस सख्त कदम से प्रशासन में पारदर्शिता और तेजी आने की उम्मीद है. इस आदेश की प्रतिलिपि अपर समाहर्ता, राजस्व सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को भी भेजी गई है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है