जब श्रीलंका से आया दूल्हा और बिहार में बजी शहनाई, पढ़िए दो देशों की प्रेम कहानी

Bihar: श्रीलंका से आई बारात, मुजफ्फरपुर की धरती पर गूंजी शहनाई. दो देशों के बीच पनपा प्यार अब रिश्ते में बदल चुका है. परंपराओं के संगम और भावनाओं की जीत ने इस शादी को यादगार बना दिया, जहां विदेशी बारातियों ने भी देसी रस्में निभाईं.

By Anshuman Parashar | April 19, 2025 1:22 PM
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Bihar: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में शुक्रवार की रात एक ऐसी शादी हुई, जिसने न केवल दो परिवारों को जोड़ा, बल्कि दो देशों की संस्कृतियों को भी करीब ला दिया. श्रीलंका के कोलंबो से बारात लेकर पहुंचे व्यवसायी परिवार ने पूरी तरह भारतीय परंपराओं को अपनाते हुए दुल्हन के घर में विवाह संपन्न किया. ढोल-नगाड़ों और भोजपुरी गानों की धुनों पर विदेशी मेहमानों ने भी जमकर ठुमके लगाए.

कोलंबो यूनिवर्सिटी से शुरू हुई प्रेम कहानी

यह अनोखा रिश्ता शुरू हुआ था वर्ष 2019 में, जब मुजफ्फरपुर की रुचिका और श्रीलंका के किसलय एकनायके की मुलाकात कोलंबो यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान हुई. पहले दोस्ती हुई और फिर धीरे-धीरे यह रिश्ता प्यार में बदल गया. एक साल के बाद किसलय ने रुचिका को प्रपोज किया, जिसे उन्होंने खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया.

परिवार की रजामंदी में आड़े आई संस्कृति और भाषा

हालांकि दोनों के प्यार की राह इतनी आसान नहीं थी। जब किसलय ने अपने घरवालों को इस रिश्ते की जानकारी दी तो श्रीलंकाई परिवार को भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं को लेकर झिझक महसूस हुई. वहीं रुचिका के घरवालों को भी इस अंतरराष्ट्रीय विवाह को लेकर सवाल थे. इस मुश्किल वक्त में आगे आए रुचिका के चाचा देवांशु किशोर, जिन्होंने दोनों परिवारों को समझाया और विश्वास दिलाया.

हिंदू रीति-रिवाजों से शादी कराने की रखी गई शर्त

समझौते के तहत यह तय हुआ कि शादी पूरी तरह हिंदू रीति-रिवाजों से रुचिका के घर मुजफ्फरपुर में ही होगी. श्रीलंकाई परिवार ने इस बात को सहर्ष स्वीकार किया और शादी की तैयारियां शुरू हुईं. जब बारात श्रीलंका से बिहार पहुंची तो शहरवासियों ने भी विदेशी बारात का जोरदार स्वागत किया.

भोजपुरी गीतों और पारंपरिक रस्मों से सजी विदेशी बारात

किसलय के साथ उनके माता-पिता अरुण और देविका एकनायके, बहन और दो दोस्त मुजफ्फरपुर पहुंचे. शादी में हल्दी, मेंहदी, जयमाला, फेरे और विदाई समेत हर रस्म को पारंपरिक भारतीय अंदाज़ में निभाया गया. भोजपुरी गानों की धुन पर विदेशी बारातियों ने भी खुलकर डांस किया, जो इस विवाह को और खास बना गया.

भारतीय संस्कृति से प्रभावित हुआ श्रीलंकाई परिवार

दूल्हे के पिता अरुण एकनायके ने बताया कि उन्हें शुरुआत में भारतीय शादी की लंबी और जटिल रस्मों को लेकर डर था, लेकिन यहां की गर्मजोशी, व्यवहार और रंग-बिरंगी परंपराओं ने उन्हें बेहद प्रभावित किया. उन्होंने कहा, “अब हम भारतीय शादी के फैन हो चुके हैं.”

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“अब कोई दीवार नहीं बची”: रुचिका की भावुक प्रतिक्रिया

रुचिका ने शादी के बाद कहा, “किसलय से शादी का सपना आज पूरा हुआ। हमने कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन अंत में सच्चा प्यार जीत गया.” उन्होंने बताया कि परिवार को मनाने में सबसे बड़ी भूमिका उनके चाचा की रही, जिन्होंने हर कदम पर साथ दिया.

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