क्यों हुआ कैंसिल
इसके अलावा अन्य जिलों में एक दो व तीन डीएल कैंसिल हुए. परिवहन विभाग द्वारा यह कार्रवाई पुलिस विभाग और ट्रैफिक पुलिस द्वारा वाहन चालकों के संबंध में भेजे गये रिपोर्ट के आधार पर की गयी. इसमें अधिकांश मामले रैश ड्राइविंग, नशे में गाड़ी चलाने, सड़क दुर्घटना में हुई अधिक मौत के मामले से संबंधित थे.
ट्रैफिक नियम का अनुपालन सख्ती से कराने को लेकर परिवहन विभाग द्वारा अब चालान के साथ डीएल निलंबन व उसे कैंसिल करने की कार्रवाई की जा रही है.
मुजफ्फरपुर के डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव ने बताया कि जिले में जो डीएल निलंबन के जो मामले सामने आये है, उसमें अधिकांश मामले में दूसरे राज्यों में नशे में गाड़ी चलाने को लेकर थे. निलंबन अवधि बीतने के बाद चालक द्वारा चालान जमा कर उसे निलंबन मुक्त कराया गया है.
तीन से छह माह के लिए डीएल होता निलंबित
ट्रैफिक नियम के उल्लंघन में बड़ी गलती करने पर सड़क पर जांच कर रहे पुलिस और ट्रैफिक विभाग के पदाधिकारी द्वारा चालक के डीएल निलंबन संबंधित प्रस्ताव संबंधित जिले के डीटीओ को भेजा जाता है. पुलिस व ट्रैफिक द्वारा भेजे गये रिपोर्ट के आधार पर डीएल निलंबन की अवधि तय की जाती है कि वह तीन महीने की होगी या छह महीने की.
निलंबन अवधि के दौरान चालक का डीएल ऑफिस में जमा होता है, जिसे चालक निलंबन अवधि की समय सीमा बीतने के बाद चालान जमा कर आवेदन देता है. इसके बाद उस डीएल को निलंबन मुक्त किया जाता है.
बिहार की ताजा खबरों के लिए क्लिक करें
इसे भी पढ़ें: नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, 155 करोड़ की लागत से 3 मेन रोड का होगा कायाकल्प
जिला : निलंबित डीएल की संख्या
- गया : 264
- वैशाली : 172
- पटना : 153
- गोपालगंज : 146
- नालंदा : 140
- सीतामढ़ी : 130
- मोतिहारी : 96
- छपरा : 65
- दरभंगा : 58
- मधुबनी : 30
- मुजफ्फरपुर : 23
- बेतिया : 23
- समस्तीपुर : 22
- सिवान : 18
- शिवहर : 11