सरकार के आदेश और 2015 में एडमिशन कमेटी की अनुशंसा के आधार पर कॉलेजों को आवंटित की गयी सीटें
सीटें लेकर नामांकन नहीं करने वाले कॉलेजों से कम की गयी सीटें, बढ़ाने वालों से मांगा दो सत्रों के नामांकन का साक्ष्य
वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंगीभूत और संबद्ध कॉलेजों में स्नातक में दाखिले के लिए सीटों की संख्या पर स्थिति स्पष्ट हो गयी है. सोमवार को कुलपति की अनुमति मिलने के बाद यूएमआइएस को मेधा सूची जारी करने का निर्देश दिया गया है. इसी सप्ताह में मेधा सूची जारी की जाएगी. मेधा सूची के लिए तीन या चार जुलाई की तिथि प्रस्तावित की गयी है. इसके बाद एक सप्ताह का समय नामांकन के लिए दिया जाएगा. विश्वविद्यालय का कहना है कि यदि योजना के अनुसार सबकुछ रहा तो 15 जुलाई से नये सत्र की कक्षाएं शुरू कर दी जायेंगी. विश्वविद्यालय की ओर से बताया कि कई कॉलेजों ने सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वहां पिछले सत्र में काफी कम नामांकन पाया गया है. ऐसे में उन कॉलेजों पर विचार नहीं किया गया. अंगीभूत कॉलेजों, नव संबधन प्राप्त कॉलेज, स्थाई संबंधन प्राप्त काॅलेज के लिए मानक के अनुसार सीटों की एकरूपता तय की गयी. कॉलेजों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि रेशनलाइजेशन के बाद जो सीटें तय की गयी हैं. उसी अनुसार विद्यार्थियों का नामांकन लें. सीट से अधिक नामांकन लेने की स्थिति में उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
दो सत्रों में जिन कॉलेजों में अधिक हो नामांकन वे फिर से दे सकते प्रस्ताव :
एडमिशन कमेटी ने यह कहा है कि रेशनलाइजेशन के बाद जो सीटें निर्धारित की गयी हैं. यदि कोई कॉलेज इससे संतुष्ट नहीं है और उसे लगता है कि सीटें बढ़नी चाहिए तो वे पिछले दो सत्र में हुए नामांकन का साक्ष्य लाकर सीट बढ़ाने का प्रस्ताव दे सकते हैं. कमेटी उनपर फिर से विचार कर सकती है. यदि पिछले दो सत्रों में संबंधित विषयों में नामांकन की स्थिति अच्छी होगी तो सीट बढ़ाने पर निर्णय लिया जा सकता है. कई अंगीभूत कॉलेजों के सीट बढ़ाने का प्रस्ताव पिछले दो वर्षों में नामांकन की स्थिति अच्छी नहीं होने पर रोक दिया गया है.
कई कॉलेजों में क्षमता से कई गुणा अधिक नामांकन :
सीटों के आवंटन में यह देखा गया कि कुछ कॉलेज ऐसे हैं जिन्होंने क्षमता से कई गुणा अधिक नामांकन ले रखा है. कुछ विषयाें में बड़ी संख्या में विद्यार्थी नामांकित हैं. यदि सभी छात्र कॉलेज में आने लगें तो बैठने की जगह कम पड़ जाए. कमेटी की बैठक में इन बिंदुओं पर भी विचार किया गया.
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