10 जून से गुरु अस्त, 6 जुलाई से शुरू होगा चातुर्मास उपमुख्य संवाददाता, मुजफ्फरपुर 10 जून से मांगलिक कार्य बंद हो जायेंगे. 12 जून को गुरु अस्त होने के कारण शादियों का मुहूर्त नहीं है. गुरु अस्त एक महीने तक रहेगा. इसी बीच 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी शुरू होगी. इसके साथ ही चातुर्मास शुरू हो जायेगा. इस कारण चार माह तक विवाह मुहूर्त नहीं है. शादियों का शुभ योग 18 नवंबर से शुरू होगा. इसके बाद से शादियों का मुहूर्त शुरू होगा. गुरु अस्त होने के कारण चातुर्मास शुरू होने से एक महीने पहले ही विवाह, गृह प्रवेश, उपनयन, मुंडन संस्कार, गृहारंभ का मुहूर्त नहीं है. पं.प्रभात मिश्र ने कहा कि 12 जून को सायंकाल 7.54 मिनट पर गुरु अस्त हो जायेंगे. जो 27 दिन बाद 9 जुलाई की सुबह 4.42 मिनट पर उदित होंगे. निर्णय सिंधु, मुहूर्त चिंतामणि, ज्योतिष सागर ग्रंथों में स्पष्ट बताया गया हैं कि गुरु उदय से पूर्व ही 6 जुलाई को देवशयनी एकादशी के साथ चातुर्मास प्रारंभ हो जायेगा. इस वर्ष 18 नवंबर से विवाह कार्य शुरू होंगे. चातुर्मास एक नवंबर तक रहेगा. जबकि उदया तिथि के कारण देव प्रबोधिनी एकादशी का व्रत दो नवंबर को रखा जायेगा. देवोत्थान एकादशी पर भी नहीं बजेगी शहनाई इस बार देवोत्थान एकादशी पर भी शहनाई नहीं बजेगी. इस दिन त्रिपुष्कर योग होने से विवाह को छोड़कर अन्य मांगलिक कार्य होंगे. चातुर्मास में धार्मिक कार्य जैसे मंत्र जप, व्रत-पूजा, दान का विशेष शुभ फल धर्मग्रंथों में कहा गया है. ब्रह्म पुराण, स्कंद पुराण, भविष्य पुराण में इसका महत्व विस्तार से बताया गया है. चातुर्मास के बाद इस वर्ष नवंबर में 18, 22, 23, 24, 25, 26, 27, 29, 30 को और दिसंबर में 4, 10, 11 तक 12 विवाह मुहूर्त हैं. 15 दिसंबर की रात्रि सूर्य के धनु संक्रांति होने व पौष मास लगने से खरमास का आरंभ हो जायेगा. फिर सभी मांगलिक कार्य बंद हो जायेंगे. जो अगले वर्ष 14 जनवरी मकर संक्रांति तक रहेगा.
संबंधित खबर
और खबरें