वरीय संवाददाता, मुजफ्फरपुर कोरोना के नये वेरिएंट के मामले सामने आने के बाद बिहार में स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है. सरकार के निर्देशों के तहत, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से तैयारी की विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है. चिकित्सकों को मास्क लगाने और मरीजों को दो गज की दूरी बनाकर देखने का निर्देश दिया गया है. अस्पतालों में तैयारियों का जायजा सभी पीएचसी से ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाएं, बेड और मरीज मिलने पर की जाने वाली कार्रवाई के बारे में पूरी जानकारी मांगी गयी है. सदर अस्पताल में स्थापित दूसरे ऑक्सीजन प्लांट को भी फिर से चालू करने का निर्देश दिया गया है. जांच और वार्ड की व्यवस्था अस्पतालों को सर्दी, खांसी, बुखार और कफ जैसे गंभीर लक्षण वाले मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट कराने को कहा गया है. इसके अलावा, एमसीएच में कोरोना काल में बनाये गये वार्डों को फिर से सक्रिय किया जा रहा है. इन वार्डों की साफ-सफाई कर तैयार किया जा रहा है, जिसमें 12 बेड का आइसीयू, 12 बेड पर वेंटिलेटर और 12 बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था की गयी है. निगरानी और जागरूकता स्वास्थ्य विभाग ने अस्पताल प्रशासन को इन्फ्लूएंजा और गंभीर तीव्र श्वसन से संबंधित रोगियों की निगरानी रखने का निर्देश दिया है. ऐसे रोगियों के लिए अस्पतालों में अलग वार्ड की व्यवस्था करने को भी कहा गया है. घबराने की जरूरत नहीं : सिविल सर्जन हालांकि, स्वास्थ्य विभाग सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने स्पष्ट किया है कि यह एक सामान्य वायरस है और इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने बताया कि यह वायरस नया नहीं है और देश में पहले भी इस तरह के संक्रमण होते रहे हैं. उन्होंने मास्क लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया. अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज के अधीक्षकों के साथ वर्चुअल बैठक में भी यह दोहराया कि यह एक सामान्य वायरस है. यह मुख्य रूप से बच्चों, वयस्कों और कमजोर प्रतिरक्षा क्षमता वाले लोगों में फैलता है. मुख्य लक्षण और बचाव इस वायरस के मुख्य लक्षण खांसी, बुखार, नाक बंद होना हैं, और गंभीर मामलों में सांस फूलने की समस्या भी हो सकती है. इससे ब्रोंकाइटिस और निमोनिया भी हो सकता है. यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसने, छींकने और हाथ मिलाने आदि से फैलता है. इसलिए, मास्क पहनना और उचित स्वच्छता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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