भवन का शीघ्र होगा जीर्णोद्धार
प्रतिनिधि, नवादा कार्यालय.
उन्होंने बताया कि तसर उद्योग में पटवा समुदाय की महत्वपूर्ण भागीदारी रही है तथा वर्तमान में लगभग दो हजार लोग उद्योग से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. तसर वस्त्रों की मार्केटिंग व्यवस्था की कमी को उद्योग की सबसे बड़ी बाधा बताया. स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण बुनकरों को अपने उत्पादों को बेचने में कठिनाई हो रही है. बुनकरों के लिए नया ऋण उपलब्ध कराने के लिए डीएम से आग्रह किया गया. उन्होंने उपस्थित अग्रणी जिला प्रबंधक को निर्देशित किया कि पात्र बुनकरों को नियमानुसार ऋण उपलब्ध कराना सुनिश्चित की जाये.
डीएम ने तसर से निर्मित वस्त्रों का अवलोकन किया व उनकी गुणवत्ता की सराहना की. उन्होंने कहा कि तसर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए तसर उद्योग के विपणन एवं प्रक्रिया-पुनर्संरचना में इंजीनियरिंग कॉलेज के स्टार्टअप सेल के छात्रों से समन्वय स्थापित कर उनकी सहायता ली जाये तथा इसमें इंजीनियरिंग छात्रों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाये. साथ ही एक समुचित योजना तैयार कर सरकार को प्रस्तावित किया जायेगा, ताकि इस क्षेत्र के बुनकरों को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके.इस अवसर पर जिला उद्योग केंद्र, नवादा के महाप्रबंधक श्री अमित विक्रम भारद्वाज, नवादा सदर के प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण उपस्थित थे।
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है