Home बिहार नवादा जिले में 3200 से ज्यादा लोग हैं एचआइवी पॉजिटिव, 110 नये मरीज मिले

जिले में 3200 से ज्यादा लोग हैं एचआइवी पॉजिटिव, 110 नये मरीज मिले

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जिले में 3200 से ज्यादा लोग हैं एचआइवी पॉजिटिव, 110 नये मरीज मिले

पड़ताल

1371 पुरुष, 3177 महिलाओं के साथ-साथ 6960 गर्भवती महिलाओं की हुई एचआइवी एड्स की जांचजागरूकता के लिए समाजसेवियों का नहीं मिल रहा सहयोग, जागरूकता ही है एड्स से बचने का उपायफोटो कैप्शन – माला सिन्हा, प्रभारी सीडीओ, सदर अस्पताल. – सदर अस्पताल में स्थित एचआइवी जांच केंद्र. मनोज मिश्रा, नवादा कार्यालय”सुरक्षा ही बचाव है” का नारा जिले में बुलंद होता नहीं दिख रहा है. लगातार जिले में नये एड्स मरीजों के मिलने का सिलसिला जारी है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिले में 110 लोग एचआइवी पॉजिटिव पाये गये हैं. जिले में एचआइवी एड्स के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. सामाजिक संस्थाएं, समाजसेवियों व स्थानीय लोगो द्वारा जागरूकता कार्यक्रम को प्रभावी नहीं बनाया जा रहा है. एड्स से बचाव के लिए सरकारी योजनाओं की गूंज भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में कम ही सुनाई पड़ती है. वर्तमान समय में जिले में कुल 3200 से ज्यादा लोग एचआइवी पॉजिटिव है. पिछले सत्र में जिले में 1371 पुरुष, 3177 महिलाओं के साथ-साथ 6960 गर्भवती महिलाओं की एचआइवी एड्स की जांच की गयी. इसमें 66 पुरुष, 40 महिलाएं और 04 गर्भवती महिलाएं पॉजिटिव पायी गयी.

एचआइवी एड्स एक लाइलाज बीमारी

यह बीमारी दुनिया भर में दूसरे नंबर पर है और यह जानलेवा भी है. इसकी जानकारी प्रभारी सीडीओ डॉ माला सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि सरकार के द्वारा समय-समय पर सुरक्षा संबंधी बातों की जानकारी देने के लिए स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कैंप का आयोजन किया जाता है और लोगों को जानकारी उपलब्ध कराई जाती है. जिला स्वास्थ्य समिति की ओर से जिले के सभी प्रखंड स्तर पर काम कर रहे स्वस्थ केंद्रों पर जांच और सुरक्षा संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है.

कैसे फैलता है एचआइवी एड्स

एचआईवी संक्रमित व्यक्ति से असुरक्षित यौन संबंध, एचआइवी संक्रमित खून चढ़ाने या रक्त उत्पाद, एचआइवी संक्रमित गर्भवती मां से उनके होने वाले बच्चे, संक्रमित सूई या निडिल के उपयोग, संक्रमित रक्त के संपर्क में आने या गर्भावस्था, अवैध इंजेक्शन दवाओं का प्रयोग करने से फैल सकता है. एचआइवी एड्स होने में बड़ी संभावना लॉन्ग रुट ट्रक ड्राइवर, सिंगल मेल माइग्रेंट, मेल हेविंग सेक्स टू मेल, ट्रांसजेंडर, प्रेगनेंट लेडी, ड्रग यूजर, इंट्रावेनर ड्रग यूजर और फ्रीडम की कैटेगरी के लोगों में होती है.

एचआइवी एड्स गर्भवती महिलाएं रहे सावधान

स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बताया कि प्रत्येक गर्भवती महिलाओं को एचआइवी एड्स की जांच की जाती है. उन्हें एड्स से संबंधित बातों की जानकारी भी उपलब्ध करायी जाती है. गर्भवती महिलाओं को प्रथम तिमाही महीने के अंदर एड्स की जांच करना अत्यंत जरूरी है. स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को पहली बार टेटनेस की सुई देने के दौरान एचआईवी एड्स की जांच करता है.

एचआइवी संक्रमण के लक्षण

एड्स, जो कि एचआईवी संक्रमण के कारण होता है, के लक्षण कई तरह के होते हैं और वे संक्रमण के चरण के अनुसार बदल सकते हैं. एचआईवी संक्रमण के शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, गले में खराश और थकान शामिल हो सकते हैं. जैसे-जैसे एचआईवी बढ़ता है, वजन कम होना, रात में पसीना आना, दस्त, और बार-बार संक्रमण जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं.

सरकार की योजनाओं का मिलता है लाभ

एचआइवी पीड़ित लोगों को सरकार के द्वारा उपलब्ध करायी गयी योजनाओं के तहत में समुचित लाभ उपलब्ध कराया जाता है. परवरिश योजना के तहत पीड़ित बच्चों को 1000 प्रति महीना 18.साल तक उपलब्ध कराया जाता है और पीड़ित मरीज को प्रति महीने आजीवन 1500 रुपये उपलब्ध करायी जाती है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के जांच किये गये मरीजों के आंकड़े

महीना पुरुष महिलाएं गर्भवती महिलाएं

अप्रैल 46 136 386मई 69 152 884जून 48 119 699जुलाई 73 247 431अगस्त 54 177 434सितम्बर 54 220 666अक्टूबर 60 163 553नवंबर 66 147 478दिसंबर 91 281 5722025 जनवरी 81 279 720फरवरी 371 441 612मार्च 358 815 525कुल 1371 3177 6960

वित्तीय वर्ष 2024-25 में एचआइवी एड्स के मरीजों के आंकड़े

महीने पुरुष महिलाएं गर्भवती महिलाएं

अप्रैल 6 3 2 मई 8 5 0जून 10 9 1जुलाई 6 4 0अगस्त 0 4 0सितम्बर 6 3 0अक्टूबर 3 3 0नवंबर 1 0 0दिसंबर 5 2 0जनवरी 4 4 0फ़रवरी 7 2 1मार्च 4 1 0कुल 66 40 4

जागरूकता का है अभाव

एचआईवी एड्स के प्रति लोगों में जागरूकता का अभाव देखा जा रहा है. वहीं दूसरी ओर जिले में सभी सामाजिक संस्थाओं व सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा सहयोग का भी अभाव देखा जाता है. स्वास्थ्य विभाग जिले में सरकार के द्वारा चलाए जा रहे अभियान को हर एक एचआईवी ग्रसित लोगों तक पहुंचाना चाहती है और एक सुरक्षित समाज का निर्माण करना चाहती है. स्वास्थ्य विभाग लोगों से यह निवेदन करता है कि अपने आसपास के जिन लोगों में इस तरह के लक्षण देखे जाएं वह स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करे उनकी गोपनीयता सुरक्षित रखी जाएगी.

संजीव कुमार गुप्ता, एसटीडी काउंसलर

क्या कहते हैं अधिकारी

एचआईवी एड्स से सुरक्षा ही एकमात्र बचाव और इसका मुख्य उपाय है. अपने पार्टनर के प्रति ईमानदारी दिखाएं. किसी की तरह का संदेह होने पर स्वास्थ्य विभाग से संपर्क करें. इसकी जांच और दवाइयां निशुल्क उपलब्ध कराई जाती है. विशेष जानकारी के लिए स्वास्थ्य विभाग की किसी भी शाखाया 1098 पर लोग संपर्क कर सकते हैं.

डॉ माला सिन्हा, प्रभारी सीडीओ, सदर अस्पतालB

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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