पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इओयू डीआइजी मानवजीत सिंह ढिल्लन ने बताया कि पेपर लीक के अन्य मामलों में आरोपित विशाल चौरसिया, सिकंदर यादवेंदु सहित अन्य लोकसेवकों व निजी व्यक्तियों की चल-अचल संपत्ति जब्त किये जाने को लेकर प्रक्रिया जारी है.
तीन कोचिंग संस्थान इओयू के सीधे रडार पर
अधिकारियों ने बताया कि पेपर लीक मामले में कई कोचिंग संस्थान भी इओयू के रडार पर हैं. डीआइजी ने कहा कि खास कर दो-तीन कोचिंग संस्थानों की भूमिका संदिग्ध पायी गयी है. उनके खिलाफ जल्द वारंट जारी कर कार्रवाई हो सकती है. एडीजी इओयू सुनील कुमार ने बताया कि लीक प्रश्न पत्र मामले में जिनके पास प्रश्न पत्र पाया जाएगा, उनको संस्थागत अपराधी मानते हुए कार्रवाई की जायेगी. परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगने वाले लोगों के विरुद्ध भी साइबर एक्ट व अन्य धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.
दो हफ्ते में 150 से अधिक अभियुक्तों के विरुद्ध होगी चार्जशीट
डीआइजी ने बताया कि इओयू ने 2012 से अब तक 10 कांड दर्ज किये हैं, जिनमें 545 अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी है. इनमें से 249 अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. डीआइजी ने उम्मीद जतायी कि अगले दो हफ्ते में चार्जशीटेड अभियुक्तों की संख्या 400 पार कर जायेगी. बीपीएससी मामले में प्रश्न पत्र लीकेज का कोई साक्ष्य नहीं एडीजी मुख्यालय ने कहा कि बीपीएससी मामले में प्रश्नपत्र लीकेज का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. परीक्षा के दौरान जो हंगामा हुआ, उस मामले में कार्रवाई को लेकर पटना जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन सक्षम है.
Also Read: बिहार के लाल को विदेश में मिली ये बड़ी जिम्मेदारी, नक्सल इलाके में रहकर की थी पढ़ाई