निर्भया कांड : अक्षय के पैतृक गांव के घरों में नहीं जले चूल्हे

राजधानी दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप कांड में सात साल के बाद इंसाफ हुआ है. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दी गयी. दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद का रहने वाला था.

By Rajat Kumar | March 21, 2020 12:28 PM
feature

औरंगाबाद : राजधानी दिल्ली में साल 2012 में हुए निर्भया गैंगरेप कांड हत्याकांड में सात साल के बाद इंसाफ हुआ. तिहाड़ जेल के फांसी घर में शुक्रवार की सुबह 5.30 बजे निर्भया के चारों दोषियों को फांसी दे दी गयी. इन दोषियों में विनय, अक्षय, मुकेश और पवन गुप्ता को एक साथ फांसी के फंदे पर लटकाया गया.

दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह उर्फ अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले के लहंगकर्मा गांव का निवासी था. अक्षय के गांव में फांसी दिये जाने के बाद से ही मातमी सन्नाटा पसरा है. वहीं लोगों की आंखें भी नम हैं. गांववालों ने अपने-अपने घरों में चूल्हे नहीं जलाये हैं.

बता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए गैंग रेप और मर्डर के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गयी. फांसी के पहले रातभर कोर्ट में ड्रामा चला. निर्भया केस के दोषियों की फांसी की सजा रुकवाने का जो आखिरी प्रयास प्रयास गुरुवार दोपहर को शुरू हुआ, वह रात करीब सवा तीन बजे तक चला.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें

यहां औरंगाबाद न्यूज़ (Aurangabad News) , औरंगाबाद हिंदी समाचार (Aurangabad News in Hindi), ताज़ा औरंगाबाद समाचार (Latest Aurangabad Samachar), औरंगाबाद पॉलिटिक्स न्यूज़ (Aurangabad Politics News), औरंगाबाद एजुकेशन न्यूज़ (Aurangabad Education News), औरंगाबाद मौसम न्यूज़ (Aurangabad Weather News) और औरंगाबाद क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version