बिहार में महागठबंधन की सरकार में तेजस्वी दूसरी बार उप मुख्यमंत्री सीएम बने हैं. महागठबंधन-2 के कैबिनेट विस्तार होने में जो संभावित मंत्रियों की सूची सामने आयी है उसके अनुसार तेजस्वी यादव अपने पिता लालू यादव के बनाए वोट बैंक पर भरोसा जाताया है. उन्होंने अपनी कैबिनेट में मुस्लिम और यादव विधायकों को तवज्जो दी है. आरजेडी कोटे से तीन मुस्लिम विधायक मंत्री बनाए गए हैं.
आरजेडी कोटे से 15 लोग नीतीश कैबिनेट में शामिल हुए हैं. मंत्रियों की जो सूची है उसमें तीन मुस्लिम चेहरा है. इसमें एआईएमआईएम छोड़कर आए विधायक शाहनवाज का नाम भी शामिल है. वह अररिया के जोकीहाट से विधायक हैं. साथ ही तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं. इसके साथ ही समस्तीपुर से अख्तरुल इस्लाम शाहीन भी मंत्री बने हैं.
दरअसल, पिछले कुछ सालों से आरजेडी के बेस वोट में बिखराव होने लगा था. मुस्लिम वोटर पार्टी से दूर होते जा रहे थे.आरजेडी ने इसपर ब्रेक लगाने के लिए यह फैसला लिया है. 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी के गढ़ में एआईएमआईएम ने चार सीटें जीत ली थीं. इसमें से कुछ सीटों पर आरजेडी को नुकसान उठाना पड़ा था. संभवतः इसी कारण तेजस्वी यादव ने बिहार की सत्ता पर काबिज रहने के लिए अपने पिता लालू प्रसाद के वोट को फिर से जोड़ने की तैयारी में जुट गए हैं.
तेजस्वी यादव ने यादवों विधायकों पर भी इस बार खूब विश्वास जताया है. nitish tejashwi cabinet expansion में तेजस्वी ने यादव जाति से अपने बड़े भाई तेजप्रताप यादव, सुरेंद्र यादव, रामानंद यादव, भाई विरेंद्र, ललित यादव, चंद्रशेखर, कुल मिलाकर आरजेडी कोटे से सात यादव कैबिनेट मंत्री बनने जा रहे हैं. यादव समाज के लोग भी लालू परिवार के साथ हमेशा खड़ा रहे हैं.
लालू प्रसाद के खिलाफ विपक्ष ने कई बार कई यादव नेता को खड़ा करने का प्रयास किया, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में यादव जाति के लोगों ने तेजस्वी यादव को एग्रेसिव अंदाज में समर्थन किया था. तेजस्वी यादव ने भी सत्ता में वापसी के बाद अपनी जाति के लोगों को खूब तवज्जो दे रहे हैं.