पशुपति पारस अब खुद को नहीं मानते’ मोदी का परिवार’, सोशल मीडिया पर बदला अपना बायो

पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने सोशल मीडिया पर अपना बायो बदल लिया है. मोदी का परिवार शब्द हटा लिया है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | March 21, 2024 3:32 PM
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लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में एनडीए ने सीटों का बंटवारा कर लिया है. लोजपा के दोनों खेमों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर किए जा रहे दावे और गरमाये विवाद में भाजपा आलाकमान ने चिराग पासवान के साथ चुनाव में आगे बढ़ने का फैसला लिया और हाजीपुर, समस्तीपुर समेत 5 सीटें उनकी पार्टी लोजपा(रामविलास) को दी है. पशुपति पारस की पार्टी लोजपा(राष्ट्रीय) को एक भी सीट नहीं मिली तो पशुपति पारस ने केंद्रीय कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया. एनडीए में अलग-थलग पड़ने के बाद अब पशुपति पारस ने सोशल मीडिया आईडी में अपने बायो से ‘मोदी का परिवार ‘ हटा लिया है.

X पर चेंज किया बायो, ‘मोदी का परिवार’ तमगा हटाया

पशुपति पारस ने मोदी कैबिनेट से अपना इस्तीफा दे दिया और अब X समेत अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने बायो से ‘मोदी का परिवार’ टैग हटा लिया है. भाजपा से नाराजगी के बीच अपनी इस गतिविधि से पशुपति पारस ने एक संदेश दिया है कि वो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुहीम का हिस्सा नहीं हैं. बताते चलें कि चुनावी माहौल में रैलियों में हुई बयानबाजी के बाद एनडीए के तमाम मंत्रियों व दिग्गज नेताओं ने खुद को मोदी का परिवार बताते हुए सोशल मीडिया हैंडल पर अपना बायो चेंज किया था और नाम के साथ ‘मोदी का परिवार’ जोड़ा था.

X पर कवर फोटो भी बदला..

पशुपति पारस ने सोशल मीडिया X पर अपना बायो भी चेंज किया है और कवर फोटो को भी बदला है. पीएम मोदी की तस्वीर के साथ केंद्र सरकार के इवेंट की तस्वीर पहले पशुपति पारस की आईडी के कवर फोटो में थी. अब उसे बदलकर उन्होंने अपनी तस्वीर लगा दी है जो जनता के बीच की है.

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लोजपा में रार के बीच NDA ने किया किनारा

गौरतलब है कि लोजपा में बिखराव रामविलास पासवान के निधन के बाद से ही हो गया था. पार्टी दो खेमों में बंट गयी थी. परिवार का कलह समाप्त नहीं हुआ लेकिन दोनों पार्टी एनडीए का हिस्सा बनी. वहीं अब लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चिराग और पारस की ओर से कई सीटों पर दावेदारी एनडीए के लिए चिंता का कारण बन चुकी थी. हाजीपुर से पशुपति पारस सांसद हैं लेकिन चिराग ने इस सीट पर ताल ठोक दी. भाजपा ने दोनों नेताओं को मनाने की काफी कोशिश की. लेकिन जब बीच का रास्ता नहीं निकला तो चिराग पासवान के साथ ही भाजपा गयी और पशुपति पारस अलग-थलग पड़ गए.

हाजीपुर से ताल ठोकेंगे पारस

एनडीए से किनारे होने के बाद पशुपति पारस लगातार अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर रहे हैं. महागठबंधन में शामिल होने के कयास भी सियासी गलियारे में लगाए जा रहे हैं लेकिन राजद की ओर से कोई ठोस बात इस ओर अभी तक सामने नहीं आयी है. पशुपति पारस ने ऐलान किया है कि वो हाजीपुर से हर हाल में चुनाव लड़ेंगे.

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