बिहार के लिए गेम चेंजर साबित होगी गंगा जल आपूर्ति योजना, इन जिले के लोगों को पीने के लिए मिलेगा ‘जल अमृत’

Bihar CM Nitish kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कल 27 नवंबर को राजगीर में गंगाजल आपूर्ति योजना का उद्घाटन करेंगे. राजगीर के बाद 28 नवंबर को सीएम गया और बोधगया में भी इसी योजना का शुभारंभ करेंगे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 26, 2022 3:49 PM
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Bihar News: बिहार को हर साल बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है. लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री ने इस त्रासदी से निपटने के लिए एक दूरदर्शी योजना बनाई. अब यह योजना साकार होने वाली है. अति महात्वाकांक्षी ‘गंगाजल आपूर्ति योजना’ के पहले फेज का कल रविवार 27 नवंबर को सीएम नीतीश कुमार राजगीर में शुभारंभ करेंगे. जबकि 28 नवंबर को गया और बोधगया में भी मुख्यमंत्री इसी योजना का उद्घाटन करेंगे. पहले फेज के बाद जून 2023 तक नावादा शहर में भी इसी योजना के तहत ‘घर-घर गंगा जल’ पहुंचाने का लक्ष्य है.

बता दें कि गंगा जल आपूर्ति योजना बिहार ही नहीं देश में अपनी तरह की यह पहली योजना है. योजना के तहत बाढ़ के समय चार माह तक बाढ़ के पानी को जल संकट वाले शहरों में ले जाकर वहां इसे बड़े जलाशयों में भंडारित किया जाएगा. जिसके बाद उच्च तकनीक से लैस मशीनों से इस पानी को साफ कर लोगों के घर तक पहुंचाया जाएगा.

इसको लेकर जल संसाधन मंत्री संजय झा ने बताया कि बिहार की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि उत्तर बिहार के बड़े इलाके को हर साल बाढ़ का सामना करना पड़ता है. वहीं,  प्रमुख नदियों का पानी गंगा नदी के रास्ते समुद्र में चला जाता है. जबकि दक्षिण बिहार के कई जिलों को हर साल सुखाड़ का सामना करना पड़ता है. धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण गया और बोधगया में हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक आते हैं. लेकिन गया शहर में गर्मियों में पेयजल की कमी का सामना करना पड़ता है और टैंकर से जलापूर्ति करनी पड़ती है. इस योजना के बाद इन सुखाड़ ग्रस्त इलाके में लोगों को भीषण गर्मी में भी गंगा का जल पीने के लिए मिलता रहेगा.

बता दें कि बिहार एक साथ बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए सीएम नीतीश कुमार ने इस योजना को शिलान्यास किया था. जल संकट वाले शहरों में पाइप लाइन के जरिये गंगा जल को लाया जाएगा. जहां जल को बड़े जलाशयों में भंडारित कर और शोधित कर पेयजल के रूप में घर-घर पहुंचाया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जिस सपने कि परिकल्पना की थी. वह अब साकार होने जा रही है.

योजना के तहत हाथीदह में राजेंद्र पुल के निकट निर्मित इंटेक वेल सह पंप हाउस के जरिये अधिशेष गंगा जल को लिफ्ट कर करीब 151 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के जरिये गया, बोधगया तक पहुंचाया गया है.

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