क्या कहा याचिकाकर्ता ने
मामले में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनीष कुमार ने हाई कोर्ट को बताया कि सड़क निर्माण का 85 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. लेकिन, लिंक रोड नहीं बनने के कारण इसपर लोगों का आवागमन नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कोर्ट को कहा की जितनी दूरी तक सड़क का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है उतने दूर तक आवागमन की व्यवस्था कर दी जाए.
16 फरवरी को होगी अगली सुनवाई
इस मामले में हाइकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सड़क का निर्माण कर रही कंपनी को हलफनामा दायर करने को कहा था. जिसमें निर्माण कब तक पूरा होगा इस बारे में बताने को कहा गया था. हलफनामा में कंपनी को एनएच के तीनों फेज में हो रहे काम का रिपोर्ट पेश करने को कहा था. जिसके बाद कंपनी ने 30 जून 2023 में इस सड़क का निर्माण पूरा करने का आश्वाशन दिया था. लेकिन निर्माण कार्य अब तक जारी है. अब इस मामले में अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी.
गया व जहानाबाद के डीएम को भी दिया गया था निर्देश
पटना हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में गया व जहानाबाद के डीएम को भी निर्देश दिया था कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को जल्द दूर किया जाए. इससे पहले एनएचएआई ने हलफनामा दाखिल कर डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के अधिकारियों को फंड खर्च का ब्योरा दिया था.
2010 में शुरू हुआ था निर्माण
जानकारी के अनुसार इस हाइवे के बन जाने से अब पटना से गया तक का सफर महज दो घंटे में पूरा हो सकेगा. जबकि पटना से डोभी तक का सफर तय करने में तीन घंटे लगेंगे. यानी करीब दो घंटे की बचत होगी. लगभग पांच हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रही सड़क का निर्माण साल 2010 में शुरू हुआ था. पटना-गया-डोभी फोरलेन से 9 बाइपास जुड़ गये हैं.
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