संवाददाता, पटना श्रम संसाधन विभाग के मंत्री संतोष कुमार सिंह ने बुधवार को प्रवासी मजदूरों के लिए ‘बिहार प्रवासी कामगार ऐप’ का लोकार्पण किया. उन्होंने कहा कि एप ऐसे मजदूरों के लिए वरदान साबित होगा, जो रोजगार, कौशल विकास, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं और सरकारी सेवाओं से जुड़ना चाहते हैं. एप के माध्यम से राज्य से बाहर काम कर रहे श्रमिकों का पंचायत स्तर पर डेटाबेस तैयार करना आसान हो पायेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस एप के माध्यम से करीब 20 लाख प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण का लक्ष्य रखा है. इसके तहत तीन महीनों के भीतर कम से कम 10 लाख प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण पूरा करने की योजना बनी है. प्रत्येक पंचायत में प्रति माह न्यूनतम 500 प्रवासी कामगारों का पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को विशेष जिम्मेदारी दी गयी है. मंत्री ने कहा राज्य के बाहर रहने वाले खुद ही अपना डेटा भर सकते है. निबंधन के पश्चात कामगारों का 12 अंकों का निबंधन संख्या निर्गत होगा. इस एप में कामगारों से उनके नाम, पिता का नाम, वर्तमान एवं स्थायी पता, शैक्षणिक योग्यता, ठेकेदार के माध्यम से जाने कि स्थिति, मोबाइल नंबर, बैंक खाता संख्या आदि सूचना को भविष्य के उपयोग के लिए रखा जायेगा. बिहार से बाहर असंगठित क्षेत्र में कार्य करने वाले कामगारों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने बिहार राज्य प्रवासी मजदूर दुर्घटना अनुदान योजना, 2008 को लागू कर रखा है. योजना में राज्य के बाहर अथवा विदेशों में कार्य कर रहे प्रवासी कामगारों या उनके आश्रितों को दुर्घटना मृत्यु के उपरांत दो लाख तथा पूर्ण एवं आंषिक निःशक्तता की स्थिति में क्रमश: एक लाख और पचास हजार रुपये का अनुदान दिया जाता है.अब प्रवासी कामगारों का पंचायतवार डेटा संग्रहण से योजना के क्रियान्वयन में सहूलियत होगी. विभागीय सचिव दीपक आनंद ने कहा कि सरकार ‘बिहार प्रवासी कामगार ऐप’ को प्रवासी श्रमिकों तक पहुंचाने के लिए जिला एवं पंचायत स्तर पर विशेष अभियान चलायेगी. इसके तहत कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित की जायेंगी. इसके लिए विभाग सोशल मीडिया के माध्यम से एप की जानकारी देगी. विभिन्न विभागों व जनप्रतिनिधियों को जागरूक कर प्रखंड , पंचायत स्तर पर सरकारी कर्मियों, विकास मित्रों, पंचायत रोजगार सेवकों, आंगनबाड़ी कर्मियों, जीविका समूहों और टोला सेवकों को एप के बारे में जानकारी दी जायेगी.इसके अलावा ग्राम पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में प्रचार के लिए माइक, बैनर और पोस्टर के माध्यम से एप को लोकप्रिय बनाया जायेगा. प्रवासी श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ग्राम पंचायतों, सरकारी कार्यालयों, रेलवे स्टेशनों और बस पड़ावों पर विशेष शिविर लगाये जायेंगे. श्रम अधीक्षक की अध्यक्षता में जिला स्तर पर पंचायती राज जनप्रतिनिधियों, श्रम संघों और एनजीओ के साथ बैठकें होंगी.
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