संवाददाता, पटना
बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी ब्यूरो ने मिशन मोड में कार्रवाई तेज कर दी है. नतीजा ये है कि वर्षों से लंबित भ्रष्टाचार के मामलों का बैकलॉग अब दो अंकों में आ चुका है. कभी सैकड़ों में पहुंच चुके लंबित केस अब सौ से भी नीचे हैं. निगरानी ब्यूरो ने 2025 के अंत तक सभी पेंडिंग केस निबटाने का लक्ष्य तय किया है. सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत अब न केवल भ्रष्ट लोकसेवकों को रंगेहाथ पकड़ा जा रहा है, बल्कि कोर्ट से सजा दिलवाने की प्रक्रिया भी पूरी गंभीरता से की जा रही है. वर्ष 2025 के पहले छह महीनों में ही 13 घूसखोर अधिकारियों को सजा दिलायी जा चुकी है. ये सभी ट्रैप यानी घूस लेते रंगे हाथ पकड़े गये थे. 2024 में 18 और 2023 में आठ भ्रष्ट अफसरों को सजा मिली थी.
खास टीम बनी, केस की मजबूत पैरवी : कोर्ट में भ्रष्टाचारियों को सजा दिलवाने के लिए निगरानी ब्यूरो ने लोक अभियोजकों और कानून विशेषज्ञों की एक खास टीम गठित की है.यह टीम केस के अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) के साथ मिलकर समय पर चार्जशीट दाखिल कर रही है.
राज्य के सभी जिलों से भ्रष्ट लोकसेवकों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है. अब कोई भी भ्रष्ट अधिकारी कानून के शिकंजे से बच नहीं सकता. कोर्ट से सजा दिलाने की कोशिशों का ही असर है कि भ्रष्ट अधिकारियों में डर का माहौल है.
जितेंद्र सिंह गंगवार, डीजी निगरानी ब्यूरो
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