साथ ही मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक शौचालय के निर्माण कार्य में लगभग 11 हजार मानव दिवस सृजित हो चुके हैं. इस प्रकार केवल लॉकडाउन की अवधि यानी 20 अप्रैल से प्रतिदिन औसतन 9 लाख 80 हजार मानव दिवस सृजित हुए हैं. यदि पूरे वित्तीय वर्ष के इन तीन महीनों की बात की जाये, तो औसतन सात लाख 70 हजार मानव दिवस प्रतिदिन सृजित हुए हैं.
आठ 8386 पंचायतों में काम चालू
ग्रामीण विकास मंत्री ने बताया कि राज्य की कुल 8386 ग्राम पंचायतों में से 8078 पंचायतों में मनरेगा के कार्य चल रहे हैं. कार्य में संलग्नता के आधार पर 16,76,286 मजदूरों के लिए ई-मस्टर रोल निर्गत किया गया है. अब तक कुल लगभग चार लाख 10 हजार योजनाओं पर काम किया गया है. इनमें से मनरेगा की चार लाख 6 हजार 481 एवं लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान की 3328 योजनाओं का कार्य हुआ है. मनरेगा की योजनाओं में 3,54,833 व्यक्तिगत अथवा निजी लाभ की योजनाएं हैं.
अब तक निर्गत किये गये 8,56,871 नये जॉब कार्ड
जल-जीवन-हरियाली से संबंधित लगभग 28 हजार योजनाओं के अतिरिक्त लगभग 13 हजार की अन्य प्रकार की योजनाएं संचालित की गयीं अथवा की जा रही हैं. इस वित्तीय वर्ष में अब तक आठ लाख 56 हजार आठ सौ 71 नये जॉब कार्ड निर्गत किये गये हैं. नये जॉब कार्ड से 10 लाख 74 हजार मजदूरों की संख्या बढ़ी है.
Posted By : Kaushal Kishor