संवाददाता,पटना केंद्र सरकार की कंपनियों ने कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत 2021-22 में देशभर में कुल 2721.69 करोड़ रुपये खर्च किये, लेकिन बिहार को सिर्फ 67.47 करोड़ रुपये ही दिये गये.यह खुलासा नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की ताजा रिपोर्ट में हुआ है, जो संसद के मॉनसून सत्र में पेश की गयी.रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार की आबादी देश की कुल आबादी का लगभग 10% है और केंद्रीय करों में भी राज्य को 10% की हिस्सेदारी मिलती है.इसके बावजूद केंद्र सरकार की कंपनियों ने सीएसआर फंड का सिर्फ 2.48% हिस्सा बिहार में खर्च किया.असम जैसे छोटे राज्य को इसी अवधि में 289.79 करोड़ रुपये मिले, जो बिहार की तुलना में चार गुनी से भी अधिक है. जिन विभागों में बिहारी केंद्रीय मंत्री, वहां भी निराशा : सबसे हैरानी की बात यह है कि उस समय जिन मंत्रालयों में बिहार से केंद्रीय मंत्री थे, वहां से भी राज्य को कोई विशेष लाभ नहीं मिला.केंद्रीय इस्पात मंत्री रहे आरसीपी सिंह के मंत्रालय की कंपनियों ने कुल 382.86 करोड़ रुपये खर्च किये, जबकि ऊर्जा मंत्री आरके सिंह के अधीन कंपनियों ने 992 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किये.इसके बावजूद बिहार को महज 67 करोड़ रुपये ही मिले.यह आंकड़े इस बात की ओर इशारा करते हैं कि केंद्र सरकार की कंपनियों ने बिहार के साथ सीएसआर फंड वितरण में सौतेला व्यवहार किया है.
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