बिहार के मासूमों पर फिर टूटा चमकी बुखार का कहर, 30 बच्चों को बनाया शिकार

Chamaki Fever In Bihar: मुजफ्फरपुर में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (चमकी बुखार) ने फिर डर फैलाया है. अब तक 30 बच्चों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें 24 सिर्फ इसी जिले से हैं. गर्मी बढ़ते ही स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर आ गया है.

By Anshuman Parashar | June 11, 2025 12:53 PM
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Chamki Fever In Bihar: गर्मियों के तेज़ होते ही उत्तर बिहार में चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) ने फिर से दस्तक दे दी है. बुधवार को मुजफ्फरपुर और सीतामढ़ी के दो और बच्चों में AES की पुष्टि के साथ जिले में इस वर्ष संक्रमित बच्चों की संख्या 30 तक पहुंच चुकी है. इनमें से 24 बच्चे सिर्फ मुजफ्फरपुर जिले से हैं, जबकि बाकी 6 अन्य जिलों के हैं जिनमें सीतामढ़ी, शिवहर और गोपालगंज शामिल हैं.

मीनापुर का मासूम पहले मरा-फिर जिया, SKMCH में मिला जीवनदान

मीनापुर प्रखंड के मुकेश कुमार का तीन वर्षीय बेटा कार्तिक अचानक तेज बुखार और शरीर में झटकों की शिकायत के बाद पहले स्थानीय अस्पताल और फिर SKMCH, मुजफ्फरपुर रेफर किया गया. पीकू वार्ड में इलाज के दौरान जांच में AES की पुष्टि हुई. इधर सीतामढ़ी के एक अन्य बच्चे में भी ऐसे ही लक्षण दिखे, जिसे वक्त रहते इलाज मिला और अब दोनों को छुट्टी दे दी गई है.

सिविल सर्जन की पुष्टि, जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर

सिविल सर्जन डॉ. अजय कुमार ने बताया कि बुधवार को दो नए मामलों की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा, “AES को लेकर हमारी पूरी तैयारी है. दवाइयां, एम्बुलेंस, चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी सभी मोर्चे पर मुस्तैद हैं.”

सदर अस्पताल में 24 घंटे का कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां तैनात कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित मदद सुनिश्चित की जाए.

आशा और जीविका दीदियों को लगाया गया फील्ड में

गांवों में AES से बचाव को लेकर आशा, आंगनवाड़ी और जीविका दीदियों को घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करने का जिम्मा सौंपा गया है. गर्मी में बच्चों को उबला पानी, पर्याप्त तरल पदार्थ और साफ-सफाई के महत्व को समझाया जा रहा है. मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए भी विशेष अभियान चलाया गया है.

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बच्चों का विशेष ध्यान रखें, लक्षण दिखते ही अस्पताल ले जाएं

डॉक्टरों ने चेताया है कि छोटे बच्चों में लक्षण जल्दी नहीं दिखते, इसलिए संकेत मिलने पर देर न करें. लू से बचाव के लिए बच्चों को छांव में रखें, हल्का भोजन दें, और किसी भी असामान्य हरकत या बुखार आने पर नजदीकी अस्पताल ले जाएं.

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