एक साल से 45 हजार प्रधानमंत्री आवास का काम अधूरा, कारणों की जांच के आदेश
संवाददाता, पटना
राज्यभर में 59 हजार 888 प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का निर्माण कार्य अपूर्ण है. इसमें भी 45 हजार 724 आवास बीते एक साल से अपूर्ण हैं. ग्रामीण विकास विभाग ने इन आवासों के अधूरा रहने के कारणों की पड़ताल करने का आदेश दिया है. शीघ्र इन आवासों का निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया है.
पूरे बिहार में वर्ष 2016 से वर्ष 2021-22 तक कुल 37 लाख 1258 प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का निर्माण करने का लक्ष्य रखा गया था. इनमें 36 लाख 41 हजार 370 आवास का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है. इसमें सबसे अधिक गया में आवास निर्माण अपूर्ण हैं. इस जिले में 10433 आवास अधूरे हैं.
21 जिलों में बड़ी संख्या में आवास अपूर्ण : अररिया में 2944, सारण में 2542, दरभंगा में 2403, पटना और समस्तीपुर में 2306, मधेपुरा में 2275, बेगूसराय में 2247, पश्चिमी चंपारण में 2242 आवास का निर्माण कार्य पेंडिंग है. नवादा में 2213, खगड़िया में 2188, मधुबनी में 1967, रोहतास में 1910, भागलपुर में 1838, पूर्वी चंपारण में 1677, भोजपुर में 1525, सीतामढ़ी में1510, मुजफ्फरपुर में 1386, पूर्णिया में 1349, मुंगेर में 1175, सुपौल में 1163, बांका में 1031 आवास का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है.
17 जिलों में 82 से 900 आवास अपूर्ण : शिवहर में 905, औरंगाबाद में 881, कैमूर में 857, लखीसराय में 794, कटिहार में 759, जमुई में 747, वैशाली मे 717, गोपालगंज में 667, नालंदा में 635, सीवान में 625, सहरसा में 596, शेखपुरा में 373, अरवल में 331, बक्सर में 199, जहानाबाद में 90 और वैशाली में 82 आवास का काम अपूर्ण है.
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