शिकायत के मुताबिक, महावीर मंदिर के सुपरिंटेंडेंट के. सुधाकरण ने बताया कि बीते महीने पटना के एक कारोबारी ने मंदिर के तत्कालीन सेक्रेटरी दिवंगत आचार्य किशोर कुणाल से मुलाकात की थी. कारोबारी ने दावा किया कि वह बाजार मूल्य से कम दर पर नैवेद्यम लड्डू के लिए आवश्यक सामग्री- जैसे घी, चना दाल, काजू, किशमिश आदि की आपूर्ति कर सकता है.
RTGS के माध्यम से ट्रांसफर किए गए थे रुपये
दावे पर विश्वास कर मंदिर प्रशासन ने कारोबारी के खाते में RTGS के माध्यम से 20.27 लाख रुपये स्थानांतरित कर दिए. दुर्भाग्यवश, इसी दौरान आचार्य किशोर कुणाल का निधन हो गया. इसके बाद से न तो कारोबारी ने कोई सामग्री भेजी और न ही पैसे वापस किए. इतना ही नहीं, वह मंदिर पदाधिकारियों के फोन कॉल्स तक उठाना बंद कर चुका है.
कोतवाली थाना में दर्ज किया गया मुकदमा
इस गंभीर आर्थिक धोखाधड़ी से आहत मंदिर समिति ने कानूनी रास्ता अपनाया है और आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. कोतवाली थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई है.
घटना को लेकर श्रद्धालुओं में नाराजगी
महावीर मंदिर, जो न केवल श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि समाजसेवा में भी अग्रणी भूमिका निभाता है, इस तरह की ठगी का शिकार बनना चिंता का विषय है. प्रशासन ने भरोसा जताया है कि आरोपित को जल्द गिरफ्तार कर मंदिर की धनराशि वापस दिलाई जाएगी. श्रद्धालुओं में भी इस घटना को लेकर गहरी नाराज़गी है.
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