सालों से चली आ रही है परंपरा
दरअसल, हर बिहारी के घर में ‘आद्रा नक्षत्र’ के आगमन के दौरान दाल पूरी, आम और खीर बनता है. पूरी, खीर और आम से सजी थाली परोसी जाती है. इसकी बेहद ही खास परंपरा सालों से चलती आ रही है, जो कि काफी प्रचलित है. दरअसल, कहा जाता है कि, बिहार के लोग एक खास स्वाद के साथ बारिश का स्वागत करते हैं और सम्मान देते हैं. यह समय खेती-किसानी की शुरूआत का माना जाता है, जिसे लोग उत्सव के रुप में मनाते हैं. कहा जाता है कि, बिहार में आद्रा नक्षत्र के दौरान इस खास स्वाद को बनाने और खाने की परंपरा सैकड़ों सालों से जारी है.
भगवान इंद्र से करते हैं कामना
इसके साथ ही बिहार की संस्कृति में बारिश का बेहद ही खास महत्व माना गया है. यह बिहार की उपजाऊ जमीन पर खेती की अच्छी संभावना को बढ़ाती है. ऐसे में बारिश की निरंतरता बनाए रखने की कामना करते हुए दाल पूरी, खीर और आम का भोग इंद्र भगवान को लगाया जाता है. इंद्र भगवान से कामना की जाती है कि, ऐसे ही बारिश होती रहे, जिससे कृषि और पैदावार अच्छी हो. इस दौरान धान की रोपाई की जाती है. बता दें कि, यह परंपरा सैकड़ों साल से चलती आ रही है. अदरा नक्षत्र को ही ज्योतिष में आद्रा नक्षत्र कहा जाता है.
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