बिहार सरकार गया जिले के चार बालू घाट संचालकों से 31 करोड से अधिक के जुर्मने की रकम वसूल करेगी. बिना किसी कमेटी या डीएम की अनुमति के गया के तत्कालीन जिला खनन पदाधिकारी ने अपने स्तर से पूर्व में बालू घाट संचालकों पर लगे जुर्माने की रकम 31. 26 करोड़ रुपये को घटाकर मात्र 32.87 लाख कर दिया था. अब विभाग ने उक्त अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का फैसला लिया है.
गया के चार बालू घाट संचालकों से वसूले जाएंगे पैसे
फिलहाल वह अधिकारी निलंबित है. खनन सह उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा पूर्व में लगाये गये दंड 31 करोड़ अधिक रुपये फिर से गया के चार बालू घाट संचालकों से वसूल किये जायेंगे.
अवैध तरीके से खनन किया गया
विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि खान आयुक्त की अदालत द्वारा गठित जांच समिति द्वारा स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की जांच की गयी. जांच मे यह पाया गया कि गया जिला के खिजरसराय बालूघाट, बैजूधाम बालूघाट,बनाही-महुआमा बालूघाट तथा विष्णुविगहा बालूघाट के संचालकों ने मान्य सीमा से अधिक खनन किया है.
हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत
बताया गया कि इन बालूघाट संचालकों पर 31 करोड़ रुपये से ज्यादा का दंड लगाने के बाद सभी घाट संचालक पटना हाइकोर्ट गये. हाइकोर्ट ने सभी दायर परिवाद को अमान्य करते हुए नियमानुसार कार्रवाई की आजादी पराधिकार को दे दी.
तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी ने किया गड़बड़झाला
उप मुख्यमंत्री ने बताया कि गया के तत्कालीन खनिज विकास पदाधिकारी ने आशर्यजनक रूप से निर्धारित दंड की राशि 31 करोड़ 26 लाख 94 हजार 45 रुपये को घटाकर 32 लाख 87 हजार 71 रूपये कर दिया था. अब उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होगी.