संवाददाता, पटना इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में दिल के मरीजों को मिलने वाली वेटिंग को कम करने की कवायद जल्द शुरू होने जा रही है. मरीजों को समय पर एंजीयोप्लास्टी, एंजीयोग्राफी समेत इलाज की अन्य प्रक्रिया जिसमें वेटिंग दी जाती है, उसे कम करने के लिए संस्थान में एक अतिरिक्त कैथ लैब बनाया जायेगा. हृदय रोगियों को समय पर बेहतर इलाज को लेकर संस्थान के कार्डियालॉजी विभाग में नयी कैथलैब स्थापित करने की मंजूरी स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिल गयी है. इसके लिए यहां जल्द ही निर्माण कार्य से संबंधित खरीद की प्रक्रिया भी शुरू होने जा रही है. अभी 15 से 20 दिन की मिलती है वेटिंग आइजीआइएमएस के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में रोजाना 400 से अधिक मरीज इलाज कराने आते हैं. इनमें करीब 20 प्रतिशत मरीजों को इको जांच तो 15 प्रतिशत मरीजों को कैथ लैब के तहत होने वाली इलाज की जरूरत पड़ती है. लेकिन वर्तमान में एंजीयोप्लास्टी, एंजियोग्राफी के अलावा इको से जांच के लिए करीब 15 से 20 दिन तक की वेटिंग दी जाती है. जिससे खासकर दूर जिले से आये मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वहीं संस्थान प्रशासन का दावा है कि एक अतिरिक्त कैथलैब के बनने से अब वेटिंग कम किया जा सकता है. मौजूदा समय में संस्थान में दो कैथ लैब का संचालन हो रहा है. बताया जा रहा है कि नयी कैथ लैब पर करीब साढ़े आठ करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. अगले दो महीने में उपकरणों की खरीदारी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी.
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