होम लोन चुकता करने में खत्म हो जाता था पैसा
बेंगलुरु पुलिस अतुल सुभाष केस में काफी गोपनीयता बरत रही है. इस वजह से पूरी जानकारी तो सामने नहीं आ पायी है. लेकिन पुलिस सूत्रों का कहना है कि अतुल की पत्नी निकिता ने पुलिस के सामने उसके कई डार्क सीक्रेट खोल दिए हैं. निकिता ने पुलिस को बताया कि वो अपने पति से पिछले साढे तीन सालों से अलग रह रही है. अगर मुझे पैसी ही चाहिए होते तो अतुल के साथ रहती. और उससे पैसे लेती रहती. निकिता ने कहा कि मैं खुद नौकरी करती हूं. मुझे कोई पैसे की जरुरत नहीं है. हमने सिर्फ बच्चे को पालने पोसने के लिए मेंटेनेंस की मांग की थी.अतुल की पत्नी ने ये भी कहा कि उसकी सैलरी काफी अच्छी है, लेकिन होम लोन को चुकता करने में ही सैलरी का सारा पैसा चला जाता है. इस कारण ही अपने बच्चे को पालने के लिए उससे मेंटेनेंस की मांग की थी.
अय्याश था अतुल सुभाष?
निकिता ने पुलिस के सामने सुभाष को लेकर कहा कि वह “अतुल बहुत अय्याश व्यक्ति था. उसका एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर भी था. एक या दो नहीं बल्कि तीन-तीन लड़कियों के साथ.” निकिता ने सुभाष पर आरोप लगाया कि वह अपनी अय्याशी के लिए मुझे प्रताड़ित किया करता था. मां से भी मैं जो पैसे मंगवाती थी अतुल उस पैसे को छीन लिया करता था. अतुल के घर वालों ने मेरे पिता से 10 लाख रुपयों के दहेज की मांग भी की थी, जबकि हमारा परिवार पहले ही 5 लाख रुपये दे चुका था. शादी में 50 लाख का खर्चा हुआ उसके अलावा 5 लाख का दहेज दिया गया. जब मेरे पिता ने और पैसे देने से मना किया तो अतुल के घरवालों ने तलाक की धमकी दी, जिसको मेरे पिता बर्दाश्त नहीं कर पाए और उनकी मौत हो गई.”
40 हजार रुपये हर महीने अतुल निकिता को देता था
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार निकिता सिंघानिया गुजारा भत्ता के तौर पर अतुल सुभाष से हर महीने 40 हजार रुपये लेती थी. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि निकिता सिंघानिया खुद एसेंचर इंडिया में बतौर सीनियर एआई इंजीनियरिंग कंसल्टेंट के पद पर नौकरी करती है. यहां पर काम करने वाले लोगों की सैलरी 11 लाख रुपये सालाना मिला करता है. एसेंचर इंडिया में एआई इंजीनियर को औसतन 16 लाख रुपये सालाना मिलते हैं. इससे अंदाजा यह लगाया जा रहा है कि निकिता सिंघानिया की एसेंचर इंडिया की ओर से अच्छी सैलरी दी जाती है.
एसेंचर इंडिया में निकिता काम करती है
अतुल सुभाष की पत्नी निकिता की कंपनी एसेंचर इंडिया एक वैश्विक पेशेवर सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी एसेंचर का हिस्सा है. यह कंपनी मुख्य रूप से आईटी कंसल्टिंग, टेक्नोलॉजी सर्विसेज, और बिजनेस ऑपरेशंस में विशेषज्ञता रखती है. एसेंचर का भारत में मुख्यालय बेंगलुरु में है और देश के कई शहरों में इसके ऑफिस और ऑपरेशन सेंटर मौजूद हैं. इनमें मुंबई, पुणे, हैदराबाद, गुरुग्राम, और चेन्नई शामिल हैं. एसेंचर के भारतीय कार्यालयों में 2024 तक लगभग 3 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, जो इसे सबसे बड़े वर्कफोर्स वाली आईटी कंपनियों में से एक बनाता है.
ये भी पढ़े: प्रशांत किशोर का तेजस्वी पर पलटवार, बोले – जन सुराज जनता की B टीम है, बीजेपी का बिहार में कोई वजूद नहीं
ये भी पढ़े: Tejashwi Yadav का विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा दाव, कहा- सरकार बनी तो महिलाओं को हर माह देंगे ढाई हजार रुपये