Banking in Bihar: बिहार में डिजिटल बैंकिंग का बढ़ा क्रेज, 3 साल में 200 प्रतिशत बढ़े यूपीआई करनेवाले
Banking in Bihar: बिहार की अनुमानित आबादी 12.92 करोड़ है. ऐसे में 12.53 प्रतिशत आबादी मोबाइल बैंकिंग और 11.84 प्रतिशत आबादी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग अपने रोजमर्रा के लेन-देन के लिए कर रही है.
By Ashish Jha | July 29, 2024 9:34 AM
Banking in Bihar: पटना. बिहार में पिछले तीन वर्षों में डिजिटल लेन-देन तेजी से बढ़ा है. राज्य स्तरीय बैंकिंग कमेटी (एसएलबीसी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2021 की तुलना में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में 162 प्रतिशत और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में 110 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. मार्च 2021 में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या महज 62 लाख थी और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ता की संख्या भी केवल 73 लाख थी. मार्च 2024 में मोबाइल बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या बढ़कर 1.63 करोड़ और इंटरनेट बैंकिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या बिहार में 1.53 करोड़ हो गई है. बिहार की अनुमानित आबादी 12.92 करोड़ है. ऐसे में 12.53 प्रतिशत आबादी मोबाइल बैंकिंग और 11.84 प्रतिशत आबादी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग अपने रोजमर्रा के लेन-देन के लिए कर रही है.
कोरोना काल में लोगों का डिजिटल लेन-देन पर विश्वास बढ़ा
31 दिसंबर 2019 में मोबाइल बैंकिंग उपयोगकर्ताओं की संख्या राज्य में 47.47 लाख थी, जो मार्च 2021 में बढ़कर 62 लाख हुई. इस अवधि में नेट बैंकिंग करने वालों की संख्या 55 लाख 75 हजार 594 थी, जो मार्च 2021 में बढ़कर 73 हो गई. 2019 से 2021 के बीच राज्य में मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग उपभोक्ताओं की संख्या में केवल 30-31 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी. मतलब कोरोना काल के दौरान(2019-21) जितने उपभोक्ता मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग से जुड़े, उसके बाद के तीन वर्षों(2021-24) में उससे लगभग तीन से साढ़े तीन गुना ज्यादा बिहारवासियों ने डिजिटल लेन-देन के माध्यम को अपनाया.
पॉश मशीन के उपयोग में 42.13 प्रतिशत की बढ़ोतरी
एसएलबीसी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बिहार में पॉश मशीन के उपयोग में भी तेज बढ़ोतरी हुई है. मार्च 2021 की तुलना में मार्च 2024 में पॉश मशीनों के उपयोग में 42.13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मार्च 2021 में बिहार में 58 हजार 331 पॉश मशीनें कारोबारियों के लिए जारी की गई थीं, जो मार्च 2024 में बढ़कर 82 हजार 907 हो गई. वहीं जनवरी 2020 में पॉश मशीनों की संख्या प्रदेश में 51 हजार सात थी.
मोबाइल बैंकिंग में यूपीआई का बड़ी भूमिका है. बिहार और खासकर पटना में यूनिफाइड पेमेंटमें इंटरफेस (यूपीआई) से लेन-देन तेजी से बढ़ा है. 2021 के पहले तिमाही में फोन-पे यूपीआई से पटना के उपभोक्ताओं ने 4.13 करोड़ रुपये का लेन-देन किया था. यह जनवरी-मार्च 2024 में बढ़कर 12.40 करोड़ हो गया. यह बढ़ोतरी 200 प्रतिशत से ज्यादा की रही. नेशनल पेमेंटमें कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के आंकड़ों के अनुसार बिहार में फोन-पे के उपयोगकर्ता 47 प्रतिशत से अधिक हैं. इसके अलावा पेटीएम का हिस्सा 12.1 प्रतिशत, गूगल पे 36.7 प्रतिशत, सीआरईडी पे 0.9 प्रतिशत और अमेजन पे, व्हाट्सअप, बैंकिंग एप का हिस्सा 3 प्रतिशत है.
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