Padma Awards: गणतंत्र दिवस से एक दिन पहले शनिवार को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कार का ऐलान कर दिया है. बिहार के भीम सिंह भावेश को उनके योगदान को देखते हुए उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा है. उन्हें ‘मसीहा ऑफ मुसहर’ के नाम से भी जाना जाता है।
भीम सिंह भावेश कैसे बने ‘मसीहा ऑफ मुसहर’
भीम सिंह भावेश को उनके अतुलनीय योगदान के लिए पद्म श्री सम्मान से सम्मानित किया गया है. भीम सिंह भावेश उर्फ ‘मसीहा ऑफ मुसहर’ पेशे से एक पत्रकार हैं। पिछले 22 वर्षों से वे अपनी संस्था ‘नई आशा’ के माध्यम से इस वंचित समुदाय की शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में सुधार के लिए काम कर रहे हैं. भीम सिंह भावेश ने भोजपुर और बक्सर जिलों में 100 से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए, जिससे मुसहर समुदाय को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ हुईं.
8000 से अधिक मुसहर बच्चों को सरकारी स्कूलों में नामांकन कराया
भीम सिंह भवेश ने 200 से अधिक मुसहर टोलों में शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए हैं. भोजपुर जिले के 13 प्रखंडों में किए गए उनके कार्यों के परिणामस्वरूप 8,000 से अधिक मुसहर बच्चों को सरकारी स्कूलों में नामांकित किया गया. उन्होंने एक बड़ा पुस्तकालय भी स्थापित किया है, जिससे समुदाय के बच्चों को शिक्षा का लाभ मिल सके.
पद्म पुरस्कार देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मानों में से एक है, जो तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री. ये पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामले, विज्ञान, इंजीनियरिंग, व्यापार, उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल और सिविल सेवा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए दिया जाता है.
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