कर चोरी का खेल, वर्षों से गड़बड़ियां
सूत्रों के अनुसार, कंपनी पिछले कई वर्षों से उचित कर भुगतान से बच रही थी. उसके बिक्री आंकड़ों और टैक्स रिटर्न में भारी अंतर पाया गया, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. अब तक की जांच में यह सामने आया है कि फ्लैट की बिक्री पर जीएसटी का सही भुगतान नहीं किया गया था. टीम कंपनी के रोकड़-पंजी (कैशबुक), बही-खाते और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की गहराई से जांच कर रही है.
आगे भी जारी रहेगा छापेमारी अभियान
वाणिज्य-कर आयुक्त संजय कुमार सिंह ने स्पष्ट किया कि टैक्स चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, “हमने कर हेराफेरी करने वाली कंपनियों की पहचान कर ली है. रियल एस्टेट सेक्टर में भी कई अन्य कारोबारी जांच के दायरे में हैं. आने वाले दिनों में और भी छापेमारी होगी.”
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व्यवसायियों को दी सख्त चेतावनी
आयुक्त ने व्यवसायियों से नियमित रूप से कर भुगतान करने की अपील की ताकि वे कानूनी कार्रवाई से बच सकें. उन्होंने कहा कि सरकार कर चोरी रोकने के लिए सख्त कदम उठा रही है, और कोई भी व्यवसायी टैक्स चोरी करता पाया गया, तो उसे कठोर दंड भुगतना पड़ेगा. सूत्रों के मुताबिक, इस छापेमारी से कई बड़े वित्तीय गड़बड़ियों के खुलासे हो सकते हैं. गुरुवार को भी कार्रवाई जारी रहेगी और इसके बाद सरकार अन्य कंपनियों पर भी शिकंजा कस सकती है.