गांधी मैदान में सांस लेना सेहत के लिए खतरनाक
पिछले एक सप्ताह से गांधी मैदान में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ा है. गांधी मैदान और आसपास के इलाके में हवा में महीन और मोटे धूलकण की मात्रा अधिक होने के कारण ऐसी स्थिति बनी रही. इतना ही नहीं, हवा में सल्फर डाईऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साड की मात्रा भी दोगुनी हो गयी. हवा में महीन धूलकण का 401 तथा मोटे धूलकण का इंडेक्स 463 पहुंच गया है. सल्फर डाईऑक्साइड का सात से बढ़कर 12 तथा कार्बनमोनोऑक्साइड की मात्रा 32 की जगह 72 इंडेक्स पहुंच गया है.
पानी का छिड़काव नहीं होने से बिगड़े हालात
वहीं पटना के बाद राज्यभर में सासाराम की हवा सबसे खराब रही. गांधी मैदान के अलावा समनपुरा में 303, डीआएम कार्यालय दानापुर के आसपास के इलाके में 306, तारामंडल के पास 264 वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया है. जानकारों का कहना है कि यह समस्या इन दिनों गांधी मैदान में आयोजित होने वाले मेले में भीड़, वाहनों के अत्यधिक परिचालन और समय पर पानी का छिड़काव नहीं होने के कारण हुआ है. बिहार प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारियों ने नगर निगम को गांधी मैदान के इलाके में लगातार पानी का छिड़काव करने को कहा है, ताकि प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके.
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